विराट कोहली से लेकर दिशा पाटनी फॉलो करते हैं मोनोट्रोफिक डाइट, जान लें इसके फायदे
Monotrophic Diet: क्या है मोनोट्रोफिक डाइट, जिसे विराट कोहली से लेकर अनुष्का शर्मा, दिशा पाटनी और सुनील छेत्री जैसे सेलिब्रेटीज फॉलो करते हैं। वेट लॉस में करता है मदद।
क्रिकेटर हो या फिर सेलिब्रेटीज उन्हें देखकर दिमाग में एक ही ख्याल आता है कि आखिर ये खाते क्या हैं। जो हमेशा फिट और एक्टिव दिखते हैं। विराट कोहली हो या फिर अनुष्का शर्मा, दिशा पाटनी इन सारे सेलिब्रेटीज से जब भी खानपान और फिटनेस के लेकर सवाल किया जाता है। तो इनमे एक चीज कॉमन होती है वो है मोनोट्रोफिक डाइट। यानी ये सितारे हर रोज एक जैसा खाना खाते हैं और अपनी डाइट में कुछ दिनों तक किसी तरह का बदलाव नहीं करते हैं। सुनने में भले ही बोरिंग लगता हो लेकिन अगर आप फिट रहना चाहते हैं तो इस तरह की डाइट को फॉलो कर सकते हैं।
क्या होती है मोनोट्रोफिक डाइट
वेट लॉस करना चाहते हैं तो मोनो डाइट काफी हेल्प करती है। इस डाइट में कुछ दिनों या हफ्तों तक एक या एक टाइप के फूड को खाते हैं। जिससे वेट लॉस करना आसान हो जाता है। अगर मोनो डाइट को ठीक से प्लान किया जाए तो इसमे मौक्रो न्यूट्रिएंट्स को आसानी से शामिल किया जा सकता है। एक इंटरव्यू में अनुष्का शर्मा ने बताया था कि वो लगभग हर दिन एक जैसे फूड को खाती हैं। जिसमे ब्रेकफास्ट में इडली सांभर शामिल होता है। इडली फर्मेंटेड फूड है जो गट हेल्थ के लिए अच्छा है तो वहीं सांभर में दाल और सब्जी का काम्बिनेशन मिल जाता है। जिससे प्रोटीन के साथ ही दूसरे विटामिन और मिनरल्स की पूर्ति हो जाती है।
मोनोट्रोफिक डाइट के फायदे
मोनो डाइट को फॉलो करने के कई सारे फायदे हैं।
-अगर आपके पास टाइम कम है और ज्यादातर काम में बिजी होते हैं तो हर दिन क्या खाएं और कितनी मात्रा में खाए के झंझट से बच सकते हैं। आपको आसानी से पता होता है कितनी मात्रा में और क्या खाना है।
-जिससे कैलोरी काउंट करना और पोर्शन कंट्रोल करना आसान हो जाता है।
-मोनो डाइट को फॉलो करने से डाइजेशन आसान हो जाता है। डाइजेशन सिस्टम आसानी से वर्क करता है।
-टॉक्सिंस को बाहर निकलने में मदद मिलती है। जब डाइजेशन अच्छा होगा तो टॉक्सिंस निकल पाएंगे।
-वेट लॉस का प्रोसेस तेज हो जाता है क्योंकि अगर आपने लो कैलोरी फूड को खाना शुरू किया है तो ये वेट लॉस में तेजी से हेल्प करती है।
-एनर्जी लेवल मेंटेन रहता है। जब आप कुछ दिन तक एक जैसा फूड खाते हैं और डाइजेशन अच्छा होता है तो आप ज्यादा एनर्जेटिक फील करते हैं।
-हालांकि मोनोट्रोफिक डाइट में कुछ बातों का ध्यान रखने की भी जरूरत होती है।
मोनोट्रोफिक डाइट फॉलो करने के हो सकते हैं ये नुकसान
-मोनोट्रोफिक डाइट की वजह से कई बार कमजोरी और सुस्ती भी महसूस होती है। जिससे एक्सरसाइज पर असर पड़ता है।
-दरअसल, एक ही फूड से स्टिक होने की वजह से कई बार दूसरे माइक्रो और मैक्रो न्यूट्रिएंट्स की कमी होने लगती है। इसलिए मोनो डाइट को कुछ या एक से दो सप्ताह ही फॉलो करना चाहिए और कुछ दिनों का ब्रेक देना चाहिए। जिससे बॉडी में किसी भी तरह के न्यूट्रिएंट्स की कमी ना हो जाए।
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