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क्या है वाइल्ड लाइफ टूरिज्म, जिसका झारखंड में होगा विकास; सरकार को कैसे होगा फायदा

झारखंड में वन्यजीवों के विविधतापूर्ण संसार को आम पर्यटकों के लिए खोला जाएगा। वाइल्डलाइफ टूरिज्म के विकास के लिए सुविधायुक्त कॉरिडोर का निर्माण कराया जाएगा। पर्यटन विभाग इस दिशा में वन विभाग की मदद से बढ़ेगा।

Sneha Baluni हिन्दुस्तान, रांचीTue, 28 Jan 2025 09:52 AM
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क्या है वाइल्ड लाइफ टूरिज्म, जिसका झारखंड में होगा विकास; सरकार को कैसे होगा फायदा

झारखंड में वन्यजीवों के विविधतापूर्ण संसार को आम पर्यटकों के लिए खोला जाएगा। वाइल्डलाइफ टूरिज्म के विकास के लिए सुविधायुक्त कॉरिडोर का निर्माण कराया जाएगा। पर्यटन विभाग इस दिशा में वन विभाग की मदद से बढ़ेगा। झारखंड में पलामू बाघ अभयारण्य देश के सबसे पहले घोषित टाइगर रिजर्व में से एक है। झारखंड में वन्यजीवों की एक समृद्ध विविधता है, जिसमें विभिन्न प्रकार के जानवर, पक्षी और वनस्पति शामिल हैं। वन्यजीव पर्यटन के सीमित दायरे को व्यापक विस्तार दिया जाएगा।

झारखंड के प्रमुख वन्यजीव अभयारण्य और राष्ट्रीय उद्यानों की बात करें तो राज्य का सबसे पुराना बेतला राष्ट्रीय उद्यान, 1974 में स्थापित किया गया था। दलमा वन्य जीव अभयारण्य, पलामू बाघ अभयारण्य, हजारीबाग राष्ट्रीय उद्यान, लावालौंग वन्यजीव अभयारण्य प्रमुख हैं। यहां हाथी, बाघ, तेंदुआ और अन्य वन्यजीव पाए जाते हैं। राज्य के पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार के अनुसार हर राज्य का अपना एक यूएसपी होता है। राजस्थान में रजवाड़ों को पर्यटकों के लिए खोला गया। गुजरात में रण को टूरिस्ट का केंद्र बनाया गया। मध्य प्रदेश में वन्य जीव केंद्रित पर्यटन आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। झारखंड में ट्राइबल टूरिज्म, हॉली टूरिज्म को बढ़ावा देने के साथ ही राज्य में मौजूद पर्यटन की अपार संभावनाओं को मद्देनजर रखते हुए वन्यजीवों के विविधतापूर्ण संसार तक पर्यटकों की पहुंच बेहतर, सुविधायुक्त, सुरक्षित और किफायती बनाया जाएगा, ताकि पर्यटक सुखद अनुभूति लेकर लौटें।

क्या है वाइल्डलाइफ टूरिज्म

वाइल्डलाइफ टूरिज्म एक प्रकार का पर्यटन है, जिसमें लोग वन्य जीवों और उनके प्राकृतिक आवासों को देखने और अनुभव करने के लिए जंगलों और वन्यजीव अभयारण्यों में जाते हैं। यह पर्यटन वन्यजीवों के संरक्षण और स्थानीय समुदायों के आर्थिक विकास में मदद कर सकता है। वाइल्डलाइफ टूरिज्म के लिए नेतरहाट में नाइट सफारी, सफारी, बर्ड वॉचिंग, वन्यजीव फोटोग्राफी की सुविधा होगी। पीटीआर, दलमा, हजारीबाग में प्रस्तावित किया जा रहा जू-सफारी भी इसी कड़ी का एक हिस्सा होगा।

वाइल्डलाइफ टूरिज्म से लाभ

1. पर्यटकों से राजस्व प्राप्त होगा। इससे वन्यजीव संरक्षण के लिए बेहतर प्रबंधन किया जा सकेगा।

2. स्थानीय समुदायों को आर्थिक लाभ होगा। संयुक्त वन प्रबंधन समितियों में शामिल गांव के आम लोगों का कौशल विकास किया जाएगा। उन्हें रोजगार मिलेगा।

3. इससे लोगों को वन्यजीवों और उनके आवासों के बारे में जानने का अवसर मिलेगा।

चुनौतियां

वन्यजीवों की सुरक्षा, पर्यावरण प्रदूषण, स्थानीय समुदायों के अधिकारों की रक्षा। वाइल्डलाइफ टूरिज्म स्थानीय समुदायों की जमीन और संसाधनों के अधिकारों का उल्लंघन कर सकता है।

राज्य के प्रमुख वन्यजीव अभयारण्य-राष्ट्रीय उद्यान

बेतला राष्ट्रीय उद्यान

हजारीबाग राष्ट्रीय उद्यान

पलामू राष्ट्रीय उद्यान

दलमा वन्यजीव अभयारण्य

लावालौंग वन्यजीव अभयारण्य

राज्य में पाए जाने वाले प्रमुख वन्यजीव

हाथी, बाघ, तेंदुआ, चीतल, सांभर

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