Hindi Newsझारखंड न्यूज़Tight security at JSSC office in Ranchi Section 163 imposed for half kilometer

रांची में JSSC कार्यालय पर कड़ी सुरक्षा, आधे किलोमीटर तक धारा 163 लागू

  • रांची जिला प्रशासन ने शनिवार सुबह साढ़े पांच बजे से 20 दिसंबर रात आठ बजे तक एसएससी कार्यालय के 500 मीटर के दायरे में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है।

Devesh Mishra लाइव हिन्दुस्तान, रांची, भाषाMon, 16 Dec 2024 01:38 PM
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रांची में झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) कार्यालय के सभी प्रवेश बिंदुओं पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है और अवरोधक लगाए गए हैं। सितंबर में आयोजित एक भर्ती परीक्षा में कथित अनियमितताओं को लेकर अभ्यर्थियों के प्रस्तावित आंदोलन के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है।

आधे किलोमीटर तक धारा 163 लागू

रांची जिला प्रशासन ने शनिवार सुबह साढ़े पांच बजे से 20 दिसंबर रात आठ बजे तक एसएससी कार्यालय के 500 मीटर के दायरे में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है। बता दें कि झारखंड राज्य छात्र संघ (जेएसएसयू) के तत्वावधान में अभ्यर्थियों ने घोषणा की थी कि वे भर्ती परीक्षा की दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया को रोकने के लिए सोमवार को जेएसएससी कार्यालय का घेराव करेंगे।

जेएसएससी ने 16 से 22 दिसंबर के बीच दस्तावेज सत्यापन के लिए चयनित 2,231 अभ्यर्थियों को बुलाया है। उन्होंने झारखंड सामान्य योग्यताधारी स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (जेजीजीएलसीसीई) उत्तीर्ण की है, जिसमें 3.04 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे।

जेएसएसयू नेता देवेंद्र नाथ महतो ने कहा, 'भारी सुरक्षा इंतजाम और निषेधाज्ञा के बावजूद छात्र जेएसएससी कार्यालय के पास इकट्ठा हो रहे हैं। हमारा मकसद आयोग की दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया को रोकना है।' उन्होंने कहा कि सभी 24 जिलों से हजारों अभ्यर्थी रांची पहुंचे हैं और वे एसएससी कार्यालय का घेराव करेंगे।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सभी प्रवेश बिंदुओं पर जांच सुनिश्चित की जा रही है और किसी को भी बिना जांच के प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जा रही है। रांची प्रशासन ने रविवार को एक आधिकारिक बयान में कहा कि वह आंदोलन से निपटने के लिए तैयार है।

प्रशासन ने छात्रों से किसी भी तरह के आक्रामक प्रदर्शन से दूर रहने का भी आग्रह किया। विज्ञप्ति में कहा गया, 'ऐसी गतिविधियों से न केवल कानून-व्यवस्था बिगड़ती है बल्कि इससे उनकी (आंदोलनकारी छात्रों की) शिक्षा, भविष्य और करियर पर भी गहरा असर पड़ सकता है।'

छात्र जेजीजीएलसीसी परीक्षाओं को लेकर विरोध कर रहे हैं जिसके माध्यम से सरकार में ज्यादातर जूनियर स्तर के पदों पर भर्ती की जाएगी। अभ्यर्थियों का आरोप है कि परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर 30 सितंबर को जेएसएससी कार्यालय के बाहर एक बड़ा प्रदर्शन हुआ था।

जेएसएससी ने अभ्यर्थियों की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए अनियमितताओं के आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की थी। आरोपों को खारिज करते हुए जेएसएससी सचिव सुधीर गुप्ता ने कहा कि परीक्षा स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से आयोजित की गई थी।

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