झारखंड के मैकलुस्कीगंज में 2 डिग्री तक पहुंचा तापमान, 20 दिसंबर तक कैसा रहेगा मौसम
- Jharkhand weather: झारखंड के कुछ जिलों में सोमवार को जहां ठंड से मामूली राहत मिली, वहीं रांची जिले का मैकलुस्कीगंज सबसे सर्द रहा। यहां का न्यूनतम पारा दो डिग्री पर पहुंच गया। सोमवार की सुबह पांच बजे बॉबी गार्डन की गई माप में यह गणना रिकॉर्ड की गई।
Jharkhand weather: झारखंड के कुछ जिलों में सोमवार को जहां ठंड से मामूली राहत मिली, वहीं रांची जिले का मैकलुस्कीगंज सबसे सर्द रहा। यहां का न्यूनतम पारा दो डिग्री पर पहुंच गया। सोमवार की सुबह पांच बजे बॉबी गार्डन की गई माप में यह गणना रिकॉर्ड की गई। यहां के खेतों में ओस की बूंदें जम गईं। उधर, कांके का न्यूनतम पारा भी 3.3 डिग्री दर्ज किया गया। यहां हवा की गति 2.6 किमी प्रति घंटे रही।
सोमवार को रांची शहरी क्षेत्र का न्यूनतम तापमान 7.9 और अधिकतम 23.6 दर्ज किया गया। वहीं राज्य के कुछ जिलों में 15 दिसंबर की तुलना में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी होने से कड़ाके की ठंड का असर थोड़ा कम रहा। हालांकि कुछ जिलों में शीतलहर का प्रकोप भी देखा गया। चाईबासा और पश्चिमी सिंहभूम के जगन्नाथपुर में न्यूनतम तापमान 4.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
20 दिसंबर तक कैसा रहेगा मौसम
भारतीय मौसम विज्ञान केंद्र रांची के अनुसार, 20 दिसंबर तक राज्य में मौसम में बदलाव के आसार नहीं हैं। सुबह के समय हल्के से मध्यम दर्जे का कोहरा छाया रहेगा। उसके बाद आसमान में आंशिक बादल छा सकते हैं।
14 शहरों का न्यूनतम पारा 10 डिग्री से नीचे
झारखंड के 14 शहरों का न्यूनतम पारा सोमवार को 10 डिग्री से नीचे रहा। इनमें गढ़वा का 5 डिग्री, रामगढ़ का 5.5, हजारीबाग का 6.6, डालटनगंज का 6.7, लातेहार के नेतरहाट का 6.8, धनबाद का 6.9, पलामू का 7.1, सरायकेला का 7.1, रांची का 7.9, जमशेदपुर का 7.9, जामताड़ा का 8.9, देवघर का 9.4, बहरागोड़ा का 9.4 और सिमडेगा का 9.9 डिग्री दर्ज किया गया।
यह भी जानिए: ठंड बढ़ी पर नहीं बदला स्कूलों का समय, बच्चे हो रहे बीमार
लगातार बढ़ते ठंड के कारण बड़ी संख्या में बच्चे बीमार पड़ रहे हैं, पर अधिकतर स्कूलों का समय नहीं बदला है। रांची के सरकारी और निजी अस्पतालों के शिशु रोग केंद्रों में बच्चों की संख्या दोगुनी हो गई है। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ राजेश ने बताया कि पीडियाट्रिक ओपीडी में रोजाना औसतन 60 से 70 बच्चे सांस की दिक्कत, निमोनिया, ब्रोंकोलाइटिस, रनिंग नॉज और वायरल डायरिया के पहुंच रहे हैं। मौसम का असर बच्चों पर साफ दिख रहा है। मौसम में तापमान गिरने से स्कूली बच्चे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।