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टाटा ने बढ़ाए बिजली के दाम, अब देने होंगे ज्यादा पैसे; क्या बोला विद्युत आयोग

  • टाटा पावर ने अपनी बिजली दर में वृद्धि करने का फैसला लिया है। टाटा पावर ने वर्तमान दर में प्रति यूनिट पांच पैसे वृद्धि का प्रस्ताव झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग दिया है। इसपर सहमति जताने से पहले झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग ने शुक्रवार को गोलमुरी क्लब में जनसुनवाई आयोजित किया।

Mohammad Azam लाइव हिन्दुस्तान, जमशेदपुरSat, 1 March 2025 10:02 AM
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टाटा ने बढ़ाए बिजली के दाम, अब देने होंगे ज्यादा पैसे; क्या बोला विद्युत आयोग

टाटा पावर ने अपनी बिजली दर में वृद्धि करने का फैसला लिया है। टाटा पावर ने वर्तमान दर में प्रति यूनिट पांच पैसे वृद्धि का प्रस्ताव झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग दिया है। इसपर सहमति जताने से पहले झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग ने शुक्रवार को गोलमुरी क्लब में जनसुनवाई आयोजित की, जिसमें उपभोक्ताओं से सुझाव लिया गया।

टाटा पावर ने वृद्धि के कारणों को जनसुनवाई में रखा। बताया कि झारखंड सरकार ने अक्तूबर 2021 से प्रति टन कोल उपयोग पर 100 रुपये का अतिरिक्त सेस बढ़ा दिया है। इस बढ़ोतरी के कारण उन्हें यूनिट 2 में 11.18 करोड़ और यूनिट 3 में 8.72 करोड़ (कुल 19.90 करोड़) रुपये का राजस्व का अंतर आ रहा है। जनसुनवाई की अध्यक्षता आयोग के सदस्य तकनीकी अतुल कुमार और सदस्य विधि महेंद्र कुमार ने की।

टाटा पावर के प्लांट-मशीनरी का होगा मूल्यांकन जनसुनवाई के दौरान आयोग के सदस्य तकनीकी अतुल कुमार ने कहा कि वर्ष 2001-02 में टाटा पावर की स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने वाले हैं। इसलिए सिल्वर जुबली अवधि पूरी होने से पहले कंपनी की प्लांट-मशीनरी का मूल्यांकन किया जाएगा, ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह आगे पावर जनरेशन के लिए उपयोगी होगी या नहीं। किसी भी प्लांट की लाइफ 25 साल रहती है। लेकिन टाटा पावर ने बिजली खरीद-बिक्री के लिए टाटा स्टील से 30 साल का समझौता किया है।

कंपनी भले ही समझौता करे, लेकिन हमें यह देखना है कि प्लांट 30 साल चलने के योग्य है या नहीं। यह भी सामने आया कि टाटा पावर ने अबतक प्रदूषण को रोकने के लिए फ्यूल गैस डी-सल्फराइजेशन (एफजीडी) तकनीक नहीं लगाई है। इस संबंध में कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि अगले वित्तीय वर्ष में इसे लगा लिया जाएगा। मानवाधिकार आयोग सदस्य जवाहरलाल शर्मा ने कहा कि मशीन के नहीं लगाने से जनता फ्लाई ऐश डस्ट से त्रस्त रही। जवाहरलाल शर्मा ने सवाल उठाया कि चीन से आयातित स्टील के कारण टाटा स्टील का माल नहीं बिक रहा है। इसलिए इसका भार उपभोक्ताओं पर डाला जा रहा है।

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