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Unlock 2.0 Breaking : झारखंड में स्कूल खुलने के मानक तय, नहीं होगी प्रार्थना, खेलकूद भी स्थगित

अनलॉक-2 खत्म होने के बाद राज्य के सरकारी स्कूल खुलने से पहले साफ-सफाई और स्कूल संचालन के मानक कर लिए गए हैं।  बुधवार को स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने यूनिसेफ के सहयोग से स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग...

rupesh रांची हिंदुस्तान ब्यूरो, Thu, 2 July 2020 12:37 AM
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अनलॉक-2 खत्म होने के बाद राज्य के सरकारी स्कूल खुलने से पहले साफ-सफाई और स्कूल संचालन के मानक कर लिए गए हैं।  बुधवार को स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने यूनिसेफ के सहयोग से स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग  प्रोसिड्योर का ई मॉडल लांच किया। 

राज्य जिला व प्रखंड  स्तर के शिक्षा अधिकारियों के साथ वेबिनार में इसकी जानकारी दी गई। स्कूल खुलने से पहले अच्छी तरह से सेनिटाइजेशन कराना होगा। सबसे पहले  सभी शिक्षकों को कोरोना से बचाव संबंधी रजिस्ट्रेशन व परीक्षा पास करनी होगी और सर्टिफिकेट लेना होगा। अब तक 50 हजार शिक्षकों ने कोरोना  जागरुकता संबंधी परीक्षा पास कर सर्टिफिकेट प्राप्त कर लिया है। इस मॉड्यूल में प्रधानाध्यापकों व विद्यालय प्रबंधन समिति को  कोरोना संक्रमण से बचाव के उपाय स्वच्छता के नियमों और स्कूल भवनों को संक्रमण मुक्त रखने के उपायों के बारे में बताया गया है।

 स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव राहुल शर्मा ने कहा कि कि बहुत जरूरी और महत्वपूर्ण है कि जब स्कूल दोबारा खुले तो कोविड-19 से बचाव के सभी उपाय अपनाए जाएं। झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक उमाशंकर सिंह ने कहा कि 15 जुलाई तक सभी शिक्षकों को कोरोना जागरुकता की परीक्षा पास कर सर्टिफिकेट ले लेना होगा। 

राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के डायरेक्टर डॉ शैलेश चौरसिया ने कहा कि स्कूल खुलने के बाद सिविल सर्जन, जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला शिक्षा अधीक्षक के बीच समन्वय बैठाकर स्कूलों में स्वास्थ्य सहायता सुनिश्चित कराई जाएगी। प्रवासी परिवार के बच्चों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
 वहीं, यूनिसेफ इंडिया की रिप्रेजेंटेटिव डॉक्टर यास्मीन अली हक ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर स्कूलों में कोरोना बचाव व स्वच्छता को सुनिश्चित करने के लिए ई मॉड्यूल विकसित किया गया है। उन्होंने सरकार से मांग की कि सुरक्षित माहवारी स्वच्छता प्रबंधन को लेकर राज्य स्तरीय कार्यक्रम की योजना तैयार की जाए, ताकि छात्राओं को इसका लाभ मिल सके। 

शिक्षकों के लिए जिम्मेदारी 
स्कूलों में नहीं होगी प्रार्थना सभा
खेलकूद भी रहेंगे स्थगित
स्कूल शुरू होने, मध्याह्न भोजन और छुट्टी का हर क्लास के लिए अलग-अलग होगा समय
क्लास में दो बेंच के बीच रहेगी दूरी
बीमार बच्चे, शिक्षक व कर्मचारी स्कूल ना आए
बीमार होने की स्थिति में घर पर ही रह कर पढ़ाई करेंगे बच्चे
शत-प्रतिशत उपस्थिति के लिए दबाव ना डालें
क्लास में अनुपस्थिति की मॉनिटरिंग करें, पहले की अपेक्षा ज्यादा हुई तो स्वास्थ्य केंद्र में सूचित करें
स्कूल बंद होने पर बच्चों को दिया जाए होमवर्क
स्कूलों में नियमित साफ-सफाई, हाथ धोने के लिए साबुन व  पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी

बच्चे भरेंगे शपथ पत्र
अनलॉक-2 खत्म होने के बाद स्कूल खुलने पर पहले दिन बच्चे शपथ पत्र  भरेंगे। बच्चे बताएंगे कि उनके परिवार से कोई सदस्य विदेश या महाराष्ट्र, दिल्ली, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, ओडिशा या अन्य किसी दूसरे राज्य से आए हैं या नहीं। परिवार के कोई सदस्य या पड़ोसी होम कोरंटाइन पर रहे हैं या नहीं। परिवार की कोई सदस्य कोविड-19 से पीड़ित लोगों के संपर्क में आए हैं या नहीं। बच्चे को बुखार, खांसी, सर्दी आदि की जानकारी देनी होगी। 

विद्यालय प्रबंध समिति की जिम्मेदारी 
बच्चों में कोरोना के कोई लक्षण नहीं हो तो नियमित रूप से स्कूल आने को प्रेरित करें
बच्चों  के स्वास्थ्य पर नजर रखें - स्कूल में समन्वय बनाकर रखें  और शिक्षकों का सहयोग करें

छात्र-छात्राओं के लिए बचाव के उपाय
कोरोना से भयभीत ना हो समस्या पर शिक्षकों से बात करें और बचाव की जानकारी लें
अपने आंख, नाक और मुंह छूने से बचें
20 से 40 सेकंड तक हाथ साफ करें
अपने खाने के बर्तन को दूसरों के साथ साझा ना करें
पानी पीने से पहले हर बार गिलास अच्छी तरह से धो लें
खांसी या छींक आने पर मुड़ी हुई केहूनी से मुंह व नाक को ढके
बुखार खांसी या सांस लेने में कठिनाई हो तो तुरंत शिक्षक को बताएं
एक दूसरे के बीच 1 मीटर की दूरी बनाए रखें
किसी बीमार साथी के साथ बुरा बर्ताव ना करें  

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