Hindi Newsझारखंड न्यूज़Trade union is preparing to halt the transportation of minerals in Jharkhand on 26 November

झारखंड में खनिजों की ढुलाई 26 नवंबर को ठप करने की है तैयारी में ट्रेड यूनियन

देशव्यापी हड़ताल के मद्देनजर ट्रेड यूनियनों ने 26 नवंबर को राज्य भर में खनिजों की ढुलाई ठप करने की तैयारी कर रखी है। हड़ताल को सफल बनाने के लिए एटक, सीटू और हिंद मजदूर सभा समेत सात ट्रेड यूनियनों ने...

rupesh रांची। हिन्दुस्तान ब्यूरो, Sun, 22 Nov 2020 12:37 AM
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देशव्यापी हड़ताल के मद्देनजर ट्रेड यूनियनों ने 26 नवंबर को राज्य भर में खनिजों की ढुलाई ठप करने की तैयारी कर रखी है। हड़ताल को सफल बनाने के लिए एटक, सीटू और हिंद मजदूर सभा समेत सात ट्रेड यूनियनों ने साझा मोर्चा बनाया है। वाम दल भी इस हड़ताल को समर्थन का ऐलान कर चुके हैं। कोयला, लोहा और बॉक्साइट के खदानों से होने वाली खनिजों की ढुलाई रोकने के लिए व्यापक रणनीति बनाई गई है। खदानों में कार्यरत उपकरणों को ठप नहीं करने पर विचार किया गया है। क्योंकि एकबार इन मशीनों के ठप हो जाने के बाद खदानों में कई तरह की जटिलता पैदा हो जाती है।

सीटू के प्रदेश महासचिव प्रकाश विप्लव ने दावा किया कि रेलवे के कर्मचारी भी इस बार वर्क टू रूल के तहत अपना विरोध दर्ज कराएंगे। वहीं स्टेट बैंक के अलावा सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों के कर्मचारी यूनियन हड़ताल के समर्थन में हैं। राज्य सरकार के कर्मचारियों के बड़े धड़े के भी हड़ताल के समर्थन में होने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि बीमा क्षेत्र के भी कर्मचारी 26 नवंबर को हड़ताल पर रहेंगे। विप्लव ने दावा किया कि श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी बदलावों के खिलाफ हड़ताल का मजदूरों में व्यापक समर्थन है। 

25 नवंबर को निकालेंगे मशाल जुलूस : 26 नवंबर को प्रस्तावित हड़ताल की पूर्व संध्या पर ट्रेड यूनियनों की ओर से मशाल जुलूस का आयोजन किया गया है। यह मशाल जुलूस सैनिक मार्केट से निकलकर शहीद चौक तक जाएगा। वहां यह जुलूस सभा में तब्दील हो जाएगा। वहां ट्रेड यूनियन नेता आम लोगों से हड़ताल के समर्थन की अपील करेंगे। 26 नवंबर को हड़ताल के दिन भी रांची के हड़ताल समर्थक कर्मचारी अपने कार्यालयों और प्रतिष्ठानों को बंद कराने के बाद अलबर्ट एक्का चौक पर सभा करेंगे।

27 नवंबर को किसान करेंगे राजभवन पर प्रदर्शन : भाकपा के कार्यालय सचिव अजय ने बताया कि कृषि कानूनों में संशोधन के खिलाफ किसान राजभवन पर प्रदर्शन करेंगे। इसके लिए भी व्यापक तैयारी की गई है। किसानों के बीच कानूनों में संशोधन से होने वाले खतरे से भी अवगत कराया जा रहा है।
 

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