Hindi Newsझारखंड न्यूज़The full story of Dinesh Gop a resident of Khunti Jharkhand becoming a militant

बीए पास दिनेश गोप कैसे बना कुख्यात उग्रवादी, आतंक और दबदबे की पूरी कहानी

कर्रा प्रखंड की बकसपुर पंचायत के लापा मोरहाटोली के दिनेश गोप (48 वर्ष) का पुकारू नाम बड़कू है। उसने महुगांव, लापुंग से स्कूली शिक्षा और संत जोसेफ कॉलेज, तोरपा से कॉलेज की पढ़ाई की है।

Suraj Thakur लाइव हिन्दुस्तान, रांचीMon, 22 May 2023 07:48 AM
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कर्रा प्रखंड की बकसपुर पंचायत के लापा मोरहाटोली के दिनेश गोप (48 वर्ष) का पुकारू नाम बड़कू है। उसने महुगांव, लापुंग से स्कूली शिक्षा और संत जोसेफ कॉलेज, तोरपा से कॉलेज की पढ़ाई की है। वह बीए पास है। छह फीट दो इंच लंबे दिनेश गोप ने दो शादियां की है। पहली पत्नी हीरा देवी और दूसरी शकुंतला देवी है। दोनों की गिरफ्तारी कोलकाता से हुई थी और वे जेल में बंद हैं। हीरा देवी की एक पुत्री और शकुंतला का एक पुत्र है। दिनेश के पिता का नाम कामेश्वर गोप और माता राधा देवी उर्फ तारा देवी हैं। ननिहाल लापुंग, रांची के कोयंसरा गांव में है।

एक करोड़ से अधिक नकद व अचल संपत्ति कुर्क
एनआईए ने दिनेश से संबंधित 14 बैंक खातों और 2 कारों के साथ एक करोड़ रुपये से अधिक की नकदी और अचल संपत्ति भी कुर्क की है। संगठन बेरोजगार युवकों को मोटर बाइक, मोबाइल फोन और आसानी से पैसा मुहैया कराकर उन्हें लुभाता था। प्रशिक्षण देने के बाद उन्हें आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए घातक हथियारों से लैस करता था। एनआईए ने कहा कि जबरन वसूली पीएलएफआई की आय का प्रमुख स्रोत है। विभिन्न आपराधिक गिरोहों के साथ गठजोड़ भी किया था। संगठन के पास एके 47 सहित आधुनिक हथियार हैं।

इस तरह दिनेश गोप का दबदबा कायम हुआ

● 22 दिसंबर 2003 को दिनेश गोप के भाई सुरेश गोप का एनकाउंटर

● 2004 में झारखंड लिबरेशन टाइगर की कमान संभाली

● 2005 में भाकपा माओवादी का मसीह चरण पूर्ति जेएलटी में आया

● 2005 में मसीह चरण के आते ही जेएलटी में शामिल हो गया

● मई, 2007 में मसीह के पकड़ाने पर दिनेश का एकाधिकार हो गया

● 2007 में ही दिनेश गोप ने पलामू व बिहार में सक्रिय लोरिक सेना का विलय करा लिया

और ऐसे खत्म होते गए पीएलएफआई कमांडर

● 2019 में जोनल कमांडर गुज्जू गोप व प्रभु सहाय बोदरा मारे गए

● 21 दिसंबर 2020 को सेकेंडमैन को मुरहू के कोयंगसार में सीआरपीएफ व झारखंड पुलिस ने मार गिराया

● 2021 में पश्चिमी सिंहभूम में जोनल कमांडर शनिचर सुरीन और मंगरा लुगून को पुलिस ने ढेर कर दिया।

● मई 2022 में कुख्यात लाका पाहन मुरहू के कोटा गांव में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया।

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