ढिबरी युग में कोल्हान के 555 गांव, 100% विद्युतीकरण का सपना अधूरा
कोल्हान में अब भी शत-प्रतिशत विद्युतीकरण का सपना साकार नहीं हुआ है। अब भी कई ऐसे गांव-टोले हैं, जहां बिजली नहीं पहुंची है। जेबीवीएनएल मानें तो अब भी कोल्हान में 555 टोलों में बिजली नहीं पहुंची।
कोल्हान में अब भी शत-प्रतिशत विद्युतीकरण का सपना साकार नहीं हुआ है। अब भी कई ऐसे गांव-टोले हैं, जहां बिजली नहीं पहुंची है। झारखंड बिजली वितरण निगम की मानें तो अब भी कोल्हान में 555 टोले यानी छोटे-छोटे गांव हैं, जहां बिजली नहीं पहुंच पाई है। राज्यभर के 2820 गांव बिजली से वंचित हैं। बिजली निगम का तर्क है कि भौगोलिक कारणों से इन गांवों में बिजली नहीं पहुंच पाई।
भौगालिक अवस्थिति बनी विद्युतीकरण में बाधक
निगम की मानें तो ये सभी गांव और टोले सुदूर इलाकों में स्थित हैं, जहां की भौगोलिक स्थिति के कारण निर्बाध बिजली के लिए आवश्यक संसाधनों की पहुंच मुश्किल है। इससे इन गांवों तक बिजली नहीं पहुंच पाई है। निगम की मानें तो इन क्षेत्रों में नए सिरे से विद्युतीकरण होगा। अब जेबीवीएनएल इन गांवों और टोलों में बिजली पहुंचाने का काम कर रही है। इसके लिए गांवों और टोलों को चिह्नित किया जा रहा है।
पूर्वी सिंहभूम के 50 गांव, जबकि प. सिंहभूम के 505 गांव में बिजली नहीं है। 132 में आंशिक रूप से विद्युतीकृत हुआ है। सरायेकला-खरसावां में 136 टोले आंशिक रूप से विद्युतीकरण हुआ है। जेबीवीएनएल के महाप्रबंधक श्रवण कुमार ने बताया कि नई योजना को मंजूरी मिली है। आदेश आने के बाद दुर्गम गांवों में बिजली पहुंचाने का काम शुरू हो जाएगा। कोल्हान के 98 प्रतिशत से अधिक गांवों में बिजली पहुंच गई है। बचे हुए मामूली गांवों में भी जल्द बिजली पहुंच जाएगी।
कोल्हान में उजाले के लिए योजना हो चुकी है तैयार
इसके तहत 10 हजार सर्किट किलोमीटर 11 केवी ओवरहेड लाइन, 1451 केवीए वितरण ट्रांसफॉर्मर, 63 केवीए क्षमता के 2588 डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफॉर्मर और 25 केवीए क्षमता के 4899 डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे। इसके लिए पिछले दिनों ऊर्जा विभाग को 1485 करोड़ की स्वीकृति दी गई है। इसके लिए योजना भी तैयार कर ली गई है। इस राशि से शत-प्रतिशत विद्युतीकरण का लक्ष्य हासिल किया जाएगा।