Hindi Newsझारखंड न्यूज़Story of arrest of Dinesh Gope of PLFI militant organization in Jharkhand

दिनेश गोप: 102 केस संगीन केस, 20 साल का आतंक; ऐसे पकड़ा गया झारखंड का सबसे बड़ा उग्रवादी

पीएलएफआई का प्रभाव रांची, खूंटी, सिमडेगा, गुमला, चाईबासा आदि जिलों में है। इन इलाकों में लेवी वसूल कर दिनेश ने अकूत संपत्ति बनाई। 2007 में मसीहचरण पूर्ति के साथ मिल दिनेश ने पीएलएफआई की नींव रखी थी।

Suraj Thakur मुख्य संवाददाता, रांचीMon, 22 May 2023 07:34 AM
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बीते कई दशकों से झारखंड में आतंक का पर्याय बना उग्रवादी दिनेश गोप आखिरकार सुरक्षाबलों के हत्थे चढ़ गया। रविवार को पुलिस उसे नेपाल से रांची लेकर आई। उग्रवादी संगठन पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप की गिरफ्तारी पुलिस और सुरक्षाबलों के लिए बड़ी कामयाबी है। बता दें कि गिरफ्तारी के बाद एनआईए एसपी प्रशांत आनंद के नेतृत्व में पुलिस की टीम उसे 2 दिन के ट्रांजिट रिमांड पर लेकर रविवार की शाम को रांची पहुंची। मूल रूप से खषूंटी के कर्रा का रहने वाला दिनेश गोप उर्फ कुलदीप यादव उर्फ बड़कू 20 साल से फरार था। दिनेश गोप पर 30 लाख रुपये का इनाम घोषित था। इनमें से 25 लाख रुपये झारखंड सरकार और 5 लाख रुपये का इनाम एनआईए ने घोषित कर रखा था। 

2018 में एनआईए ने दाखिल की थी चार्जशीट
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने दिनेश गोप के खिलाफ आरसी 02/2018 में चार्जशीट की थी। नोटबंदी के बाद दिनेश ने सहयोगियों के जरिए 25.38 लाख रुपये खपाने का प्रयास किया था। इसके अलावा एनआईए ने टेरर फंडिंग के केस में भी दिनेश गोप पर चार्जशीट दायर की थी। उसके खिलाफ झारखंड, ओडिशा और बिहार में कुल 102 केस दर्ज हैं। सभी हत्या, अपहरण, फिरौती और लेवी वसूलने से जुड़े हैं।  बता दें कि चाईबासा के गुदड़ी इलाके में 3 फरवरी 2022 को दिनेश के दस्ते के साथ सुरक्षाबलों की मुठभेड़ हुई थी। उस वक्त जंगल का फायदा उठाकर दिनेश भाग गया था। मुठभेड़ के बाद उसने नेपाल में शरण ली थी। वहां कुछ स्थानीय नेताओं के सहयोग से उसने निवेश भी किया। 

रांची सहित इन जिलों में था दिनेश का खौफ
पीएलएफआई का प्रभाव रांची, खूंटी, सिमडेगा, गुमला, चाईबासा आदि जिलों में है। इन इलाकों में लेवी वसूल कर दिनेश ने अकूत संपत्ति बनाई। 2007 में मसीहचरण पूर्ति के साथ मिल दिनेश ने पीएलएफआई की नींव रखी थी। पहले वह झारखंड लिबरेशन टाइगर नाम का उग्रवादी संगठन चलाता था। दिनेश गोप ने प्रभाव क्षेत्र वाले कई जिलो में आपराधिक छवि के युवाओं को पीएलएफआई की फ्रेंचाइजी दी। हथियावर व संगठन में एरिया कमांडर जैसे पद देकर वह युवाओं को टारगेट भी देता था। 

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