21 घंटे बाद निकाले गए कुएं में दबे 4 लोगों के शव, बैल को बचाने में 6 ने गंवाई जान
झारखंड में बैल को बचाने के दौरान कुएं की मिट्टी धंसने की घटना में मृतकों की संख्या बढ़कर 6 तक पहुंच गई है। 2 लोगों को कल अचेतावस्था में निकाला गया था जिन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
झारखंड में बैल को बचाने के दौरान कुएं की मिट्टी धंसने की घटना में मृतकों की संख्या बढ़कर 6 तक पहुंच गई है। 2 लोगों को कल अचेतावस्था में निकाला गया था जिन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया वहीं 4 अन्य लोगों के शव एनडीआरएफ ने 21 घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद निकाला। गुरुवार को रांची से 70 किमी दूर सिल्ली के पिस्का गांव में कुएं में गिरे बैल को बचाने के दौरान मिट्टी धंस गई थी जिसमें आधा दर्जन से ज्यादा लोग दब गए थे। गुरुवार को दोपहर 3 बजे से शुरू हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन शुक्रवार को 2:15 तक चला। गौरतलब है गुरुवार को शाम 7:20 बजे 55 वर्षीय मंटु मांझी को बेहोशी की हालत में कुएं से निकाला गया। उसकी सिल्ली अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई।
गुरुवार शाम हो गई थी 2 लोगों की मौत
गुरुवार की शाम करीब 7:55 बजे रेस्क्यू टीम ने 55 वर्षीय बिष्णु बेदिया का शव निकाला। रात 8 बजे तक एनडीआरएफ की टीम भी घटनास्थल पर पहुंची लेकिन बारिश की वजह से मिट्टी की नमी और पत्थर होने की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में मुश्किलें आईं। कुएं की गहराई भी तकरीबन 40 फीट थी। स्थानीय विधायक सुदेश महतो घटनास्थल पर मौजूद थे। उनके निर्देश पर पोकलेन मशीन मंगवाई गई फिर 12 बजे रात से रैंप बनाकर मिट्टी हटाने का कार्य शुरू किया गया। रातभर चली मशक्कत के बाद सुबह 7 बजे एक व्यक्ति का शव निकाला गया। शुक्रवार को दोपहर 1 बजे तक बाकी 3 शव भी निकाल लिए गए। मृतकों की शिनाख्त 62 वर्षीय रमेशचंद्र मांझी, 52 वर्षीय गुरुपद मांझी, 23 वर्षीय धनंजय मांझी और 40 वर्षीय बहादुर मांझी के रूप में की गई है।
शव निकालते ही परिजनों में मची चीख-पुकार
रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान वरीय पदाधिकारियों के अलावा वहां ग्रामीणों की भीड़ जुटी रही। जैसे-जैसे वक्त बीतता गया, कुएं में दबे लोगों के परिजनों में उनके जिंदा होने की उम्मीद टूटती गई। परिजनों को चीत्कार से पूरा माहौल गमगीन हो गया। जैसे-जैसे शव निकाले गए परिजनों में चीख-पुकार मच गई। गौरतलब है कि सिल्ली में हुए इस दर्दनाक हादसे पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास सहित कई अन्य लोगों ने दुख प्रकट किया है। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया गया है।