Jharkhand: 7 और 9 घंटे की परीक्षा देने के बाद बन सकेंगे सहायक आचार्य, जानें पूरा नियम
इंटरमीडिएट प्रशिक्षित सहायक आचार्य के लिए 3 पालियों में परीक्षा होगी। वहीं, स्नातक प्रशिक्षित सहायक आचार्य के लिए 4 पालियों में परीक्षा ली जाएगी। हालांकि सहायक अध्यापक इसका विरोध कर रहे हैं।
झारखंड में सहायक आचार्य बनने के लिए सात और नौ घंटे की परीक्षा देनी होगी। इंटरमीडिएट प्रशिक्षित सहायक आचार्य के लिए 3 पालियों में परीक्षा होगी। वहीं, स्नातक प्रशिक्षित सहायक आचार्य के लिए 4 पालियों में परीक्षा ली जाएगी। हालांकि सहायक अध्यापक (पारा शिक्षकों) और गैर पारा शिक्षक अभ्यर्थी इसका विरोध कर रहे हैं। इनका आरोप है कि हाई स्कूलों में हुई स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति में क्वालिफाइंग पेपर (तीन घंटे) के अलावा एक पेपर (स्नातक का विषय-3 घंटे) की परीक्षा ली जाती है। वहीं, मिडिल स्कूल के शिक्षक के लिए 3 पेपर निर्धारित किए गए हैं। हाई स्कूलों के शिक्षकों के अनुपात में सहायक आचार्य का निर्धारित वेतन भी बहुत कम है।
मातृभाषा संबंधी पहला पेपर क्वालीफाइंग होगा
सहायक आचार्य मातृभाषा संबंधी पहला पेपर क्वालिफाइंग होगा और 30 अंक लाना होगा। वहीं, इंटर प्रशिक्षित सहायक आचार्य के लिए अन्य 2 पेपर और स्नातक प्रशिक्षित सहायक आचार्य के लिए 3 पेपर की परीक्षा अलग-अलग पालियों में होगी। इनकी पेपर जांच तभी होगी, जब अभ्यर्थी क्लालिफाइंग पेपर के निर्धारित न्यूनतम अंक पा लेंगे। इन पेपर में 33 अंक लाने पर ही अभ्यर्थी का नाम मेधा सूचि में शामिल किया जाएगा।
सीटेट पास सहायक अध्यापक ने जताई है आपत्ति
झारखंड राज्य टेट सफल सहायक अध्यापक समन्वय समिति के प्रमोद कुमार व मोहन मंडल बोले, टेट पास पारा शिक्षकों को सीधे वेतनमान की मांग सीएम तक पहुंचायी जा चुकी है, लेकिन सहायक आचार्य की नियुक्ति आ जाने से टेट पास पारा शिक्षक अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं। समिति 31 जुलाई से विधानसभा के समक्ष अनशन पर बैठेंगे। एकीकृत सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा के संजय दुबे व ऋषिकेष पाठक बोले, यदि परीक्षा लेनी है तो पुराना वेतनमान देना होगा। फोर्थ ग्रेड का वेतनमान निर्धारित कर सात और नौ घंटे की परीक्षा कहीं से सही नहीं है।