झारखंड: बिजली संकट के लिए पूर्व मंत्री ने इसे ठहराया जिम्मेदार, सरकार को भी घेरा
सरयू राय ने कहा कि बिजली मद में बजट की राशि निकासी की विभागीय प्रक्रिया में देरी होने से बिजली कंपनियों को समय पर भुगतान नहीं किया जा सका है। इसलिए बिजली की आपूर्ति नहीं हो पा रही है।
झारखंड में बिजली संकट है। मांग के अनुरूप आपूर्ति नहीं होने की वजह से 12-14 घंटे तक बिजली कटौती हो रही है। भीषण गर्मी की वजह लोग हलकान हैं। सरकार कह रही है कि बिजली संकट से उबरने के प्रयास किए जा रहे हैं। जेबीवीएनएल ने बिजली कंपनियों को बकाया का भुगतान किया और अब आपूर्ति दुरुस्त होगी। हालांकि, पूर्व मंत्री सरयू राय को ऐसा नहीं लगता। सरयू राय ने सिलसिलेवार ट्वीट कर राज्य में जारी बिजली संकट को लेकर हेमंत सोरेन सरकार और उर्जा विभाग को आड़े हाथों लिया है। सरयू राय ने आरोप लगाया है कि बिजली की बदहाली के लिए उर्जा विभाग जिम्मेदार है।
पूर्व मंत्री ने उर्जा विभाग को बताया कारण
सरयू राय ने कहा कि राज्य में बिजली की बदहाली के लिए उर्जा विभाग जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि विभगा ने बिजली उत्पादक कंपनियों को समय पर बकाये का भुगतान नहीं किया जिसकी वजह से कंपनियों ने कल (मंगलवार) शाम से झारखंड की बिजली रोक दी। सरयू राय ने कहा कि बिजली मद में बजट की राशि निकासी की विभागीय प्रक्रिया में देरी होने से बिजली कंपनियों को समय पर भुगतान नहीं किया जा सका है। सरयू राय ने कहा कि यदि आज (बुधवार) को बिजली कंपनियों को बकाये का भुगतान कर दिया जाए तो स्थिति में सुधार हो सकता है।
मांग के मुताबिक आपूर्ति नहीं होने से दिक्कत
विधायक ने कहा कि राज्य के उर्जा सचिव कई दिनों से विदेश में हैं। सरकार ने मनीष रंजन को उर्जा सचिव का अतिरिक्त प्रभार दिया है। संचिका मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पास गई है। उनकी मंजूरी मिलने के बाद ही बिजली उत्पादक कंपनियों का भुगतान होगा। भुगतान होगा तभी झारखंड का कनेक्शन जोड़ेगी। उन्होंने कहा कि यह काम पहले हो गया होता तो जनता को परेशानी नहीं होती। उन्होंने कहा कि बिजली विभाग ने आश्वासन दिया है कि शाम 8 बजे से जमशेदपुर में विद्युत आपूर्ति सामान्य हो जाएगी। उन्होंने कहा कि स्थिति सुधारने के नाम पर शाम को कटौती की गई। उन्होंने कहा कि जमशेदपुर को 75 मेगावाट बिजली की जरूरत है लेकिन महज 45 मेगावाट ही आपूर्ति हो पाएगी।