भारत-चीन सीमा पर सड़क बनाने के लिए 12 जून से जाएंगे संताली श्रमिक
भारत-चीन सीमा पर सड़क और सुरंग बनाने के लिए संताल से मजदूरों की रवानगी 12 जून से शुरू होगी। बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (बीआरओ) विशेष ट्रेन से श्रमिकों को लेकर जाएगा। अब तक सात विशेष श्रमिक ट्रेन शेड्यूल...
भारत-चीन सीमा पर सड़क और सुरंग बनाने के लिए संताल से मजदूरों की रवानगी 12 जून से शुरू होगी। बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (बीआरओ) विशेष ट्रेन से श्रमिकों को लेकर जाएगा। अब तक सात विशेष श्रमिक ट्रेन शेड्यूल हो गई हैं।
सीएमओ से मिली जानकारी के अनुसार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बार फिर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से फोन पर बात कर मजदूरों के अधिकारों की रक्षा का भरोसा जताया है। सीएम ने रक्षा मंत्री से झारखंड सरकार और बीआरओ के बीच मजदूरों के कल्याण और सुरक्षा के विभिन्न बिंदुओं पर एमओयू के लिए अनुमति देने का आग्रह किया। इसके बाद बीआरओ के महानिदेशक ने भी सीएम से बात कर एक नई शुरुआत का भरोसा जताया है। बता दें कि संताल के श्रमिक 1970 से लेह-लद्दाख में सड़क बना रहे हैं।
बिचौलियों की भूमिका खत्म : दुमका उपायुक्त राजेश्वरी बी की अध्यक्षता में जिला प्रशासन और बीआरओ के अधिकारियों की बैठक हुई। उपायुक्त ने इच्छुक लोगों का जल्द पंजीकरण करने का निर्देश दिया है। एमओयू के मुताबिक अब उपायुक्त के माध्यम से पंजीकरण कराने के बाद संताली मजदूरों को बीआरओ के संरक्षण में ले जाया जाएगा। इसमें बिचौलियों की भूमिका खत्म कर दी गई है।
श्रमिकों को 20 प्रतिशत बढ़ा हुआ वेतन मिलेगा: श्रमिकों को 20 प्रतिशत बढ़ा हुआ वेतन दिया जाएगा। इसके अलावा चिकित्सा सुविधा, यात्रा भत्ता, कार्य स्थल पर सुरक्षा, आवास लाभ भी मिलेगा। पहले चीन सीमा की कठिनतम परिस्थितियों में काम करने वाले संताल के श्रमिकों की करीब एक तिहाई मजदूरी बिचौलिए रख लेते थे। उन्हें अन्य लाभ भी नहीं देकर शोषण किया जाता था। यह बात एयरलिफ्ट करके वापस लाए जाने पर श्रमिकों ने खुद मुख्यमंत्री को बताई थी।
सीएम दिखा सकते हैं हरी झंडी : 12 जून को पहली श्रमिक विशेष ट्रेन दुमका से मजदूरों को लेकर उधमपुर के लिए रवाना होगी। इस दिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद दुमका मौजूद रह कर ट्रेन को हरी झंडी दिखा सकते हैं। इस दौरान बीआरओ के डीडीजी के आने की भी संभावना है।
देश की रक्षा के लिए सर्वस्व लगा रहे : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि एक तरफ जहां राज्य सरकार अपने श्रमिकों को सुरक्षित घर वापस ला रही है, वहीं दूसरी ओर नियम-कानून का पालन कर देश की सुरक्षा के लिए भेजने की तैयारी भी कर रही है। जब, हम सब झारखंडी अपने घरों में सुरक्षित सोएंगे तब जरूर याद रखना है कि हमारे कई श्रमिक बंधु हमारी सेना के साथ कदम से कदम मिला कर देश की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व लगा रहे हैं।