सम्मेद शिखर विवाद: गिरिडीह में सड़क पर उतरेगा जैन समाज, निकाला जाएगा मौन जुलूस
गिरिडीह में भी जल्द ही जैन समाज सड़क पर उतरेगा। संभवत चार-पांच दिनों में सम्मेद शिखर पारसनाथ को पर्यटन स्थल बनाने के प्रस्ताव के विरोध में जैन समाज के लोग भी गिरिडीह में मौन जुलूस निकालेंगे।
गिरिडीह में भी जल्द ही जैन समाज सड़क पर उतरेगा। संभवत चार-पांच दिनों में सम्मेद शिखर पारसनाथ को पर्यटन स्थल बनाने के प्रस्ताव के विरोध में जैन समाज के लोग भी गिरिडीह में मौन जुलूस निकालेंगे। इसकी तैयारी की जा रही है। हालांकि गिरिडीह में अभी तक जैन समाज का विरोध बैठकों तक ही सीमित है। सड़क पर उतरकर विरोध जताने को लेकर जैन समाज द्वारा रणनीति तैयार की जा रही है। जैन समाज गिरिडीह के सचिव लोकेश सेह्वी ने बताया कि जल्द ही मौन जुलूस निकालकर विरोध जताया जाएगा। सम्मेद शिखर जी तीर्थ स्थल ही बना रहे इसको लेकर डीसी के माध्यम से मुख्यमंत्री व राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भी सौंपा जाएगा।
गिरिडीह में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम
इधर एसडीपीओ डुमरी मनोज कुमार का कहना है कि भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। पारसनाथ की साफ-सफाई और पवित्रता को लेकर विशेष ख्याल रखा जा रहा है। पहाड़ के रास्ते पर होमगार्ड तैनात किए गए हैं।
सरकार की नोटिस का विरोध जारी
विरोध सरकार की तरफ से जारी उस नोटिस के कारण हो रहा है जिसमें सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल - ईको टूरिज्म प्लेस बनाने की बात कही गई थी। चूंकि इको टूरिज्म शब्द जुड़ते ही जैन धर्मावलंबियों के मन में ऐसी धारणा बनी है कि इससे क्षेत्र की पवित्रता बाधित होगी। यही प्रमुख कारण है जिससे इसका विरोध किया जा रहा है। वहीं विभाग का कहना है कि लोगों को सुविधाएं मुहैया कराने के लिए क्षेत्र को पर्यटन क्षेत्र घोषित करना जरूरी है। राज्यपाल रमेश बैस ने इस मामले में केंद्रीय मंत्री को भी पत्र लिखा है।