'गैंग्स ऑफ वासेपुर' के कुख्यात गैंगस्टर प्रिंस खान के खिलाफ रेड और ब्लू कॉर्नर नोटिस
2021 के बाद से ही प्रिंस खान पुलिस को चकमा देकर विदेश में रह रहा है। फरारी के दौरान उसके शारजाह और दुबई जैसे शहरों में जाने की पुष्टि हुई है। आखिरी बार प्रिंस खान का लोकेशन दुबई में मिला था।
धनबाद के मोस्ट वांटेड और गैंग्स ऑफ वासेपुर के कुख्यात प्रिंस खान के खिलाफ इंटरपोल ने रेड और ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया है। नोटिस जारी करने के बाद इंटरपोल ने इसकी जानकारी यूएई और नेशनल सिक्योरिटी कौंसिल को भी दी है। सीबीआई के अनुरोध पर इंटरपोल ने धनबाद जिला में दर्ज केस में रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है, जबकि एटीएस थाने में दर्ज केस में ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया गया है।
वर्ष 2021 से ही विदेश में रह रहा प्रिंस खान
साल 2021 के बाद से ही प्रिंस खान पुलिस को चकमा देकर विदेश में रह रहा है। फरारी के दौरान उसके शारजाह और दुबई जैसे शहरों में जाने की पुष्टि हुई है। जानकारी के मुताबिक, आखिरी बार प्रिंस खान का लोकेशन दुबई मिला था। पासपोर्ट रद्द होने के बाद वह दुबई में ही फंसा है। मो. हैदर खान के नाम से बने प्रिंस खान के पासपोर्ट को झारखंड पुलिस की पहल पर रद्द किया जा चुका है। राज्य पुलिस के आला अधिकारियों के मुताबिक, रेड और ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी होने के बाद अब प्रिंस खान के प्रत्यर्पण का प्रयास किया जाएगा। प्रत्यर्पण के लिए सीबीआई आगे इंटरपोल और यूएई सरकार से पत्राचार करेगी।
कैसे फरार हो गया था गैंगस्टर प्रिंस खान
प्रिंस खान ने धनबाद के बैंक मोड़ इलाके से हैदर अली नाम से तत्काल पासपोर्ट बनाने का आवेदन दिया था। हैदर अली नाम के पासपोर्ट को धनबाद के बैंक मोड़ थाने की पुलिस ने सत्यापित किया था। पासपोर्ट बनने के बाद टूरिस्ट वीजा लेकर प्रिंस खान विदेश भाग गया। विदेश भागने की जानकारी झारखंड एटीएस को बाद में मिली। तब मिली, जब वह उसके संभावित ठिकानों की पड़ताल कर रहा था। नवंबर 2021 में नन्हें खान की हत्या के बाद से प्रिंस खान अंडरग्राउंड हो गया था, उसके खिलाफ तीन दर्जन से अधिक गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
कौन है गैंग्स ऑफ वासेपुर का प्रिंस खान
प्रिंस खान धनबाद के वासेपुर के गैंगस्टर व घाघीडीह जेल में बंद फहीम खान का भांजा है। वह 24 नवंबर 2021 को फहीम के ही बेहद करीबी रहे नया बाजार निवासी महताब आलम उर्फ नन्हे की हत्या के बाद पहली बार चर्चा में आया। हत्या की जिम्मेवारी लेते हुए प्रिंस उसी समय से अंडरग्राउंड हो गया। उसके खिलाफ धनबाद के अलग-अलग थानों में 58 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें नन्हे और ढोलू के अलावा झाविमो नेता रंजीत सिंह, रिकवरी एजेंट उपेंद्र सिंह, कोयला कारोबारी मनोज यादव की हत्या समेत फायरिंग के कई मामले शामिल हैं।
क्या है रेड और ब्लू कॉर्नर नोटिस
रेड कॉर्नर इंटरपोल द्वारा अपराधी की खोज के लिए जारी किया जाने वाला नोटिस है। जबकि ब्लू कॉर्नर के जरिए इंटरपोल किसी अपराधी के बारे में जानकारी जुटाता है। इंटरपोल अपने किसी सदस्य देश से किसी अपराधी की पहचान, लोकेशन या उसकी संदिग्ध गतिविधियों के बारे में जानकारी मांगने के लिए ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी करता है। रेड कॉर्नर नोटिस के जरिए इंटरपोल के सदस्य देशों द्वारा आवेदन किया जाता है कि किसी ऐसे अपराधी को दुनियाभर में खोजा जा सके, जिसका प्रत्यर्पण या इसी तरह का कानूनी एक्शन पेंडिंग है। तलाश के बाद उसकी प्रोविज़नल गिरफ्तारी संभव हो सकती है। इस नोटिस में अपराधी का हुलिया और पहचान जैसे नाम, फर्ज़ी नाम, ज्ञात जन्मतिथि, बालों और आंखों का रंग आदि की जानकारी होती है। साथ ही उसके अपराधों की जानकारी भी एजेंसी को देनी होती है, मसलन अपराधी किस तरह के जुर्म में संलिप्त रहा है।