झारखंड के कई स्कूलों में बिना अनुमति बना दिए क्वारंटाइन सेंटर, जानें कैसे खुला राज
राज्यभर के कई स्कूलों में बिना अनुमति कोरंटाइन सेंटर बना दिए गए हैं। इसका खुलासा तब हुआ जब शिक्षक गैर शैक्षणिक काम के लिए स्कूल पहुंचे। शिक्षक जब स्कूल पहुंचे तो देखा कि वहां कई कमरों के ताले तोड़कर...
राज्यभर के कई स्कूलों में बिना अनुमति कोरंटाइन सेंटर बना दिए गए हैं। इसका खुलासा तब हुआ जब शिक्षक गैर शैक्षणिक काम के लिए स्कूल पहुंचे। शिक्षक जब स्कूल पहुंचे तो देखा कि वहां कई कमरों के ताले तोड़कर लोगों को ठहराया गया है।
इस तरह का मामला पलामू, हजारीबाग और गुमला समेत कई जिलों में सामने आया है। जानकारी मिलने के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारियों को संबंधित स्कूलों से बिना अनुमति वाले कोरंटाइन सेंटर हटाने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि राज्य सरकार ने 2260 सरकारी स्कूलों में कोरंटाइन सेंटर बनाए हैं। इसके लिए पूर्व से ही अनुमति ली गई थी। लेकिन, कई स्कूलों में बिना अनुमति के कोरंटाइन सेंटर बनाकर उसमें लोगों को रख दिया।
कई स्कूलों में स्थानीय लोगों ने मदद की : पूछताछ के दौरान पता चला कि किसी पंचायत में बने कोरंटाइन सेंटर की दूरी अधिक थी, इसलिए प्रवासी या संदिग्ध लोगों ने गांव में बंद पड़े नजदीकी स्कूल का ताला तोड़कर उसमें रहना शुरू कर दिया। कई स्थानों पर स्थानीय लोगों ने भी इस कार्य में प्रवासियों की मदद की। हालांकि कोरंटाइन सेंटर की तरह उन्हें यहां सुविधाएं नहीं मिल पाईं। यहां उनके घर से ही भोजन आ रहा था।
सामान गायब होने का खतरा : बिना अनुमति के कोरंटाइन सेंटर बनाए गए स्कूलों से जरूरी सामान और कागजात भी गायब होने का खतरा है। स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने ऐसे स्कूलों की जांच करने का निर्देश दिया है कि कहीं कोई सामान को नुकसान तो नहीं पहुंचा है। इसके लिए जिले से लेकर प्रखंड स्तर तक के अधिकारियों को जानकारी हासिल करने के लिए कहा गया है। साथ ही वहां के लोगों को वैध कोरंटाइम सेंटर में शिफ्ट कराने के लिए कहा है।
यहां बना दिए गए कोरंटाइन सेंटर : हजारीबाग के बेसिक स्कूल पंचमाघव, उत्क्रमित मध्य विद्यालय कारीमाटी, उत्क्रमित मध्य विद्यालय पडिरमा, पलामू के पांडू प्रखंड के मध्य विद्यालय झरना कला, डीईजी प्राथमिक विद्यालय डालाखुर्द, माध्यमिक विद्यालय डाला कला और गुमला जिला के कई स्कूल।