फौज की नौकरी छोड़ क्यों उग्रवादी बना दिनेश गोप, थी रॉबिनहुड वाली छवि
इधर, फौज में बहाल (ज्वाइन नहीं किया था) हो चुका दिनेश गोप अपने भाई के मारे जाने के बाद सदमे में था। घटना के बाद उसने फौज में जाने की इच्छा त्याग दी। रनिया के गरई गांव में दिनेश गोप ने स्कूल बनवाया।
अविभाजित रांची जिले में कर्रा और लापुंग से सटे इलाके में एक समय जयनाथ साहू और तिलेश्वर साहू का वर्चस्व था। उस इलाके में तब शकरकंद के व्यापार रंगदारी की मोटी रकम दिया करते थे। उस समय इलाके के दबंगों से लोग परेशान थे, जिसका सुरेश गोप ने झारखंड लिबरेशन टाइगर (जेएलटी) बनाकर विरोध करना शुरू किया था। इसके बाद वर्चस्व की लड़ाई शुरू हुई। लोग मारे जा रहे थे। सुरेश गोप पुलिस के लिए सिर दर्द बन चुका था। तब वर्ष 2003 में 22 दिसंबर को खूंटी के तत्कालीन डीएसपी मधुसूदन बारी की टीम ने एक एनकाउंटर में सुरेश गोप को मार गिराया था।
फौज में बहाल हो चुका था दिनेश गोप
इधर, फौज में बहाल (ज्वाइन नहीं किया था) हो चुका दिनेश गोप अपने भाई के मारे जाने के बाद सदमे में था। घटना के बाद उसने फौज में जाने की इच्छा त्याग दी। दिवंगत भाई सुरेश गोप के द्वारा बनाए गए संगठन जेएलटी की कमान संभालऋकर लड़ाई को आगे बढ़ा दिया। दिनेश गोप ने अपने भाई सुरेश गोप की एक प्रतिमा भी लापा के बाजारटांड़ में स्थापित कराई थी, जहां हर वर्ष जेएलटी के द्वारा 22 दिसंबर को शहीद दिवस मनाया जाता था। हालांकि, जब जरियागढ़ में पुलिस पिकेट बना, तब पुलिस ने सुरेश गोप की प्रतिमा को ध्वस्त कर दिया।
दिनेश गोप ने गरई गांव में बनवाया स्कूल
दिनेश गोप की गिरफ्तारी के बाद लापा क्षेत्र के कुछ लोगों ने बताया कि जब इस इलाके में दबंगों और जयनाथ साहू जैसे लोगों का वर्चस्व था। रनिया के गरई गांव में एक विशाल क्षेत्र में दिनेश गोप ने स्कूल बनवाया है, जो जिले के प्रमुख स्कूलों में एक है। पूर्व दिवंगत मुख्य सचिव दिवंगत सजल चक्रवर्ती ने जब पीएलएफआई के खिलाफ अभियान चलाया था, तब गरई के विद्या विहार पब्लिक स्कूल समेत अन्य उन सभी स्कूलों को प्रशासन ने टेकओवर कर लिया था। दिनेश के कई काम करने से ही क्षेत्र में उसके रहने के बावजूद कोई इसकी सूचना पुलिस को नहीं देता था।
समाप्ति की ओर है पीएलएफआई का अस्तित्व
दिनेश गोप के पकड़े जाने के बाद पीएलएफआई का अस्तित्व लगभग समाप्ति की ओर है। लेकिन, यह कयास लगाया जा रहा है कि दिनेश गोप के बाद दूसरा बड़ा नाम मार्टिन केरकेट्टा और दुर्गा सिंह संगठन की कमान संभाल सकता है। मार्टिन केरकेट्टा गुमला जिले के कामडारा थाना क्षेत्र के रेड़वा गांव का रहने वाला है। जबकि, दुर्गा सिंह रांची जिले के लापुंग थाना क्षेत्र के जरिया, जमाकेल गांव का रहने वाला है। जानकारी हो कि दिनेश को मजबूती तब मिली थी जब भाकपा माओवादी के मसीह चरण पूर्ति ने दिनेश का दामन थाम लिया था।