...तो कनाडा भाग जाता 30 लाख का इनामी PLFI उग्रवादी दिनेश गोप, ये था प्लान
यदि एनआईए ने दिनेश गोप को गिरफ्तार करने में थोड़ी भी देरी की होती तो झारखंड में बीते 2 दशक से दहशत का पर्याय रहा यह मोस्ट वांटेड उग्रवादी पकड़ से बहुत दूर चला जाता। पूछताछ में यह बड़ा खुलासा हुआ है।
यदि एनआईए ने दिनेश गोप को गिरफ्तार करने में थोड़ी भी देरी की होती तो झारखंड में बीते 2 दशक से दहशत का पर्याय रहा यह मोस्ट वांटेड उग्रवादी पकड़ से बहुत दूर चला जाता। एनआईए की पूछताछ में यह बड़ा खुलासा हुआ है। दिनेश गोप ने बताया है कि वह कनाडा भागने की फिराक में था और इसके लिए बकायदा पासपोर्ट तैयार करवा रहा था। दिनेश गोप ने बताया कि नेपाल में इतने वर्षो तक प्रवास करने के दौरान उसकी दोस्ती कुछ ऐसे लोगों से हो गई थी जो उन्हें कनाडा सेटल होने में मदद करते। दिनेश गोप की योजना कनाडा में बसकर कोई रोजगार करने की थी। वह वहां से पीएलएफआई संगठन का काम भी संचालित करता। गनीमत है कि सही समय पर एनआईए ने उसे गिरफ्तार कर लिया अन्यथा वह भारत की जांच एजेंसियों की पकड़ से बहुत दूर चला जाता। दिनेश गोप ने कहा कि वह जानता था कि यदि एकबार कनाडा चला गया तो उसे वापस लाना इतना आसान नहीं होगा।
नेपाल में ढाबा चला रहा था दिनेश गोप
गौरतलब है कि जब एनआईए ने दिनेश गोप को नेपाल से पकड़ा तो वह पंजाबी वेशभूषा में ढाबा चला रहा था। सवाल था कि पंजाबी वेशभूषा ही क्यों? अब स्पष्ट हो गया कि दरअसल, कनाडा भागने के इरादे से ही उसने पंजाबी वेशभूषा धारण की थी। उसने अपने बाल और दाढ़ी बढ़ा ली थी। पिछले कई वर्षों से दिनेश गोप नेपाल में रहकर ही भारत में संगठन का संचालन करता था। बीच-बीच में वह झारखंड भी आता था। चतरा में एक मुठभेड़ के दौरान उसे गोली भी लगी थी लेकिन वह भाग निकलने में कामयाब रहा था। दिनेश गोप ने बताया कि उसे संगठन के लिए बिहार से हथियार मिलता था। नालंदा का रहने वाला अवधेश जायसवाल उर्फ चूहा उसे हथियार उपलब्ध कराता था। हाल ही में खूंटी से उसकी निशानदेही पर भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक सामग्री मिली है। मंगलवार को भी दिनेश गोप की निशानदेही पर जंगल से केन बम बरामद किया गया।
दिनेश गोप ने किए सनसनीखेज खुलासे
बता दें कि एनआई ने 21 मई को दिनेश गोप को गिरफ्तार किया था। 22 मई को उसे एनआई की विशेष अदालत में पेश किया गया जहां से उसे अधिकारियों ने 8 दिन की रिमांड पर लिया। पूछताछ के दौरान दिनेश गोप ने कई सनसनीखेज खुलासे किए। दिनेश गोप ने यह भी बताया कि वह आत्मसमर्पण कर राजनीति में करियर बनाने की संभावनाएं तलाश रहा था। इसी सिलसिले में किसी ने उसे एक केंद्रीय मंत्री से मिलाने का वादा किया और 2 करोड़ रुपये लिए। बाद में उसे समझ आया कि वह ठगी का शिकार हो गया है। झारखंड, बिहार और ओडिशा के कई जिलों में दहशत का पर्याय रहे दिनेश गोप के खिलाफ हत्या, अपहरण, लूट, रंगदारी और धमकी देने के 103 मामले दर्ज हैं। सरकार ने उसपर 30 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।