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PLFI उग्रवादी दिनेश गोप ने रांची से नेपाल तक खड़ी की थी गुर्गों की फौज, ऐसे करता था वसूली

पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश एनआईए करने में लगी है। रिमांड पर पूछताछ के दौरान दिनेश गोप से रांची, खूंटी से लेकर नेपाल तक के सहयोगियों और मददगारों के बारे में जानकारी मिली।

Suraj Thakur मुख्य संवाददाता, रांचीWed, 24 May 2023 08:07 AM
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पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश एनआईए करने में लगी है। रिमांड पर पूछताछ के दौरान दिनेश गोप से रांची, खूंटी से लेकर नेपाल तक के सहयोगियों और मददगारों के बारे में जानकारी मिली है। मंगलवार को दिनेश गोप से एनआईए के अलावा रांची, खूंटी, सिमडेगा पुलिस, स्पेशल ब्रांच और एसआईबी के अधिकारियों ने भी पूछताछ की। पूछताछ के दौरान दिनेश गोप ने कई अहम जानकारियां दी हैं। उसने राजनीतिक संरक्षण देने वालों के साथ-साथ संगठन के मददगारों, पैसों के निवेशकों, हथियार के सप्लायरों, हथियार छिपाने वाले लोगों के विषय में जानकारी दी है।

सिंहभूम में मुठभेड़ के बाद भागा था नेपाल
विराटनगर में रवि यादव था मददगार पश्चिमी सिंहभूम में पुलिस मुठभेड़ के बाद दिनेश गोप नेपाल भाग गया था। बिहार से सटे विराटनगर में उनके अपनी अच्छी नेटवर्क बनायी थी। स्थानीय पंचायत सदस्य रवि यादव के द्वारा दिनेश गोप को संरक्षण दिया जाता था। झारखंड पुलिस को भी पूर्व में दिनेश गोप के संबंध में जानकारी मिली थी, लेकिन तब नेपाल पुलिस ने झारखंड पुलिस को सहयोग नहीं किया था। नेपाल में भी स्थानीय नेताओं के संरक्षण के कारण दिनेश गोप वहां सुरक्षित रहा था। एनआईए ने रांची के भी एक युवक को चिन्हित किया है, जो कई बार नेपाल जाकर दिनेश गोप से मिला था।

बिहार और ओडिशा पुलिस को थी जानकारी
एनआईए ने दिनेश गोप के गिरफ्तारी के मामले में बिहार व ओडिशा पुलिस को भी जानकारी दी है। पटना में एक मॉल में ब्लास्ट के केस में भी दिनेश गोप आरोपी रहा है, ऐसे में बिहार पुलिस की टीम भी दिनेश गोप से पूछताछ करेगी। वहीं ओडिशा में कई आपराधिक मामले दिनेश गोप के खिलाफ दर्ज हैं। नेपाल भागने के बाद दिनेश गोप नए सिरे से पीएलएफआई संगठन को खड़ा करने में जुट गया। नेपाल में रहकर उसने कई लोगों से संपर्क किया था। रंगदारी के अलावा लॉजिस्टिक सपोर्ट के साथ-साथ उसे पैसे व हथियार की भी जरूरत थी। यही वजह थी कि एके-47 की जरूरत के लिए दिनेश गोप ने भाजपा नेता बलराम सिंह को 18 मई को फोन किया था। कई लोगों के लगातार अलग-अलग नंबरों से फोन किया गया था, इसी दौरान दिनेश गोप के विराटनगर का लोकेशन एजेंसियों को मिला था।
 

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