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रिम्स में छत से गिर पीजी छात्र की मौत, अधजली थी लाश; पुलिस को मिले पेट्रोलियम पदार्थ और कदमों के निशान

तामिलनाडु के मदुरै के रहने वाले डॉ. मदन वर्तमान में रिम्स के हॉस्टल नंबर पांच में कमरा नंबर 79 में रह रहे थे। पुलिस की आरंभिक जांच में हॉस्टल के छत से किसी के कदमों के निशान मिले हैं।

Devesh Mishra हिन्दुस्तान, रांचीFri, 3 Nov 2023 08:21 AM
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राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (रिम्स) के हॉस्टल नंबर पांच के कैंपस से गुरुवार को मेडिकल के एक पीजी छात्र का अधजला शव मिला। छात्र की पहचान डॉ मदन कुमार एम के रूप में की गई। वह रिम्स में एफएमटी (फॉरेंसिक मेडिसीन एंड टॉक्सिकोलॉजी) के सेकेंड ईयर के छात्र थे।

मूलरूप से तामिलनाडु के मदुरै के रहने वाले डॉ. मदन वर्तमान में रिम्स के हॉस्टल नंबर पांच में कमरा नंबर 79 में रह रहे थे। पुलिस की आरंभिक जांच में हॉस्टल के छत से किसी के कदमों के निशान मिले हैं। पुलिस को मिले निशान छात्रावास की छत की चहारदीवारी तक मौजूद थे। छत पर कई स्थान पर पेट्रोलियम पदार्थ पसरे हुए मिले हैं। छात्र की मौत के मामले में पुलिस ने हत्या और आत्महत्या के बिंदु पर जांच शुरू कर दी है। वहीं, पुलिस ने छात्र के परिजनों को भी घटना की जानकारी दे दी है।

आशंका व्यक्त की जा रही है कि डॉ. मदन पर पहले ज्वलनशील पदार्थ उड़ेला गया और फिर जान बचाने के लिए उन्होंने दौड़ते हुए हॉस्टल की चौथी मंजिल से छलांग लगा दी, जिससे उनकी मौत हो गयी।

मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस के वरीय अधिकारियों के अलावा रिम्स प्रबंधन के लोग मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए रिम्स में रखा है। बाद में एफएसएल की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस की ओर से छत की फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी कराई गई। एफएसएल की टीम हॉस्टल की छत पर पसरे पेट्रोलियम पदार्थ के अंश और फुटप्रिंट की फोटो अपने साथ जांच के लिए ले गयी।

जूनियर डॉक्टरों ने जाहिर की हत्या की आशंका
रिम्स के जूनियर डॉक्टरों ने डॉ मदन कुमार एम की मौत को आत्महत्या मानने से इंकार किया है। जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (जेडीए) ने डॉ मदन कुमार एम की हत्या की आशंका जाहिर की है। उन्होंने प्रबंधन से मौत की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। छात्रों ने सवाल उठाते हुए कहा कि यदि कोई हत्या नहीं हुई है तो जिस क्षेत्र में शव मिला है, उसके आसपास कोई ज्वलनशील पदार्थ या कोई कंटेनर क्यों नहीं मिला। लाइटर या माचिस की तिली क्यों नहीं मिली।

जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि मृतक फोरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सिकोलॉजी (एफएमटी) विभाग का चिकित्सका था। ऐसे में आत्महत्या के लिए इतना हिंसक तरीका कैसे अपना सकता था। जूनियर चिकित्सकों ने कहा कि अगर आत्महत्या अवसादग्रस्त होने से किया है या कुछ परेशानी होती तो सुसाइड नोट जरूर छोड़ता। पर, उसके कमरे या उसके पास से ऐसा कुछ क्यों नहीं मिला। इसके अलावा हत्या की आशंका से अन्य पहलुओं पर रिम्स जेडीए ने प्रशासन से जांच की मांग की है। पत्र में कहा कि छत पर उल्टियां की हुई थी। मृतक जितना जला हुआ है, उसने जरा भी रोया या चिल्लाया क्यों नहीं। छत से गिरने पर भी ऐसा क्यों नहीं हुआ।

कई बार की मांग, पर आज तक नहीं लगी सीसीटीवी
जूनियर चिकित्सकों ने रिम्स में छात्रों की सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि छात्रों के हॉस्टल में सुरक्षा को ध्यान में रखकर एक भी सीसीटीवी नहीं लगाई गई है। छात्रावास परिसर के आसपास हमेशा बाहरी लोग रहते हैं। कई बार छेड़खानी करते हैं। चोरियां करते हैं। जूनियर डॉक्टरों को धमकी भी देते हैं। बाहरी लोग हॉस्टल में नशे में धुत होकर आते हैं और गांजा पीते हैं। कई बार सीसीटीवी लगाने की मांग की गई थी, पर अब तक नहीं लगाया गया।

विभाग के साथियों ने बताया कि मदन शराब का भी सेवन नहीं करते थे। उन्होंने बताया कि विभाग में भी वातावरण काम को लेकर बहुत बेहतर है। किसी तरह का कोई तनाव नहीं है। उनका काम जूनियर छात्रों को पढ़ाने का भी होता है। टेक्सीकोलॉजी का भी काम होता है। ऐसे में परेशानी होती ही नहीं है। इसके अलावा छात्रों ने बताया कि प्रेम-प्रसंग जैसा भी कोई मामला डॉ मदन के साथ नहीं था। छात्रों ने बताया कि यह सुसाइड है या नहीं यह जांच का विषय है।

जूनियर डॉक्टर आज निकालेंगे कैंडल मार्च
जेडीए द्वारा इस घटनाक्रम को लेकर शुक्रवार को रिम्स परिसर में कैंडल मार्च निकाला जाएगा। जेडीए अध्यक्ष डॉ. जयदीप ने कहा कि रिम्स के हॉस्टल में इस तरह का घटना होना बड़ी बात है। हॉस्टल के दूसरे स्टूडेंट्स में भी भय का माहौल है। उन्होंने कहा कि यह आत्महत्या नहीं है, उसकी हत्या की गई है। प्रबंधन इसे गंभीरता से ले। 1230 बजे शोकसभा होगी। वहीं, जेडीए ने निदेशक को पत्र लिखकर डीन वेलफेयर को हटाने की मांग की है।

फुटप्रिंट खोलेगा मेडिकल विद्यार्थी की मौत का राज
पुलिस की टीम ने छात्र मदन कुमार एम के मोबाइल का कॉल डिटेल खंगाला। पता चला कि बुधवार की रात साढ़े ग्यारह बजे छात्र की तमिलनाडु में परिवार के सदस्यों से फोन पर आखिरी बार बात हुई थी। परिवार वालों से फोन पर वार्ता काफी देर तक हुई थी। वहीं, पुलिस अन्य मोबाइल नंबरों की भी जानकारी हासिल कर रही है। पुलिस की टीम ने रिम्स हॉस्टल नंबर पांच का कॉल डंप भी निकाला है। उस वक्त किन-किन लोगों का मोबाइल एक्टिव था, उन सब से पुलिस पूछताछ करेगी। पुलिस की टीम ने हॉस्टल के कुछ छात्रों से पूछताछ भी की है। पुलिस को कई जानकारी मिली है।

दो लोगों के पैरों का निशान तो हो सकती है हत्या
हॉस्टल नंबर पांच की छत में दो तरह के कदमों का निशान मिले हैं। अब पैरों के ये निशान मदन के हैं या फिर अन्य किसी और के। पुलिस एफएसएल से इसकी जांच करा रही है। पुलिस का कहना है कि अगर मृतक मदन के अलावा अन्य किसी के कदमों का निशान जांच में पाए गए तो यह मामला हत्या से जुड़ा हो सकता है। वैसे पुलिस को घटना स्थल से न तो पेट्रोलियम पदार्थ का बोतल मिला है और न ही कोई डब्बा। पुलिस उसकी भी तलाश कर रही है।

जोरदार आवाज, उस वक्त जल रहा था शव
हॉस्टल में रह रहे छात्रों से पूछताछ में पता चला कि गुरुवार सुबह 5.40 बजे परिसर में जोरदार आवाज हुई। कुछ देर तक कोई नहीं निकला। दस मिनट के बाद छात्र अपने कमरे में बाहर निकले। देखा कि हॉस्टल के पीछे साइड में एक युवक जलकर पड़ा है। उसके शरीर में आग निकल रही थी। इसकी सूचना के बाद बरियातू पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को बुझाया। उस वक्त तक मदन के शरीर का पूरा कपड़ा के अलावा पैर व अन्य अंग जल चुकी थी। शरीर काला हो गया था। 

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