पारा शिक्षक : वेतनमान मिला तो शिक्षक नियुक्ति में नहीं मिलेगा आरक्षण
झारखंड के 64 हजार पारा शिक्षकों को वेतनमान (5200-20,200) मिला तो राज्य में शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकेगा। अभी सरकारी शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में पारा शिक्षकों के...
झारखंड के 64 हजार पारा शिक्षकों को वेतनमान (5200-20,200) मिला तो राज्य में शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकेगा। अभी सरकारी शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में पारा शिक्षकों के लिए 50 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था है। पारा शिक्षकों को वेतनमान या वेतनमान के आधार पर मानदेय दिया जाता है तो यह आरक्षण समाप्त हो जाएगा।
बिहार के नियोजित शिक्षकों के लिए अलग से आरक्षण का कोई कोटा नहीं है। बिहार मॉडल को पूरी तरह से लागू करने में इस समस्या के गहराने की बात की सामने आ रही है। राज्य सरकार ने इस पर चर्चा की है। अब पारा शिक्षकों के साथ इस पर मंथन किया जाएगा और उन्हें इसकी जानकारी दी जाएगी।
सूत्रों की माने तो जब पारा शिक्षकों को नया वेतनमान दे दिया जाएगा तो अलग से नियुक्ति प्रक्रिया में दूसरे वेतनमान के लिए आरक्षण क्यों दिया जाएगा। पारा शिक्षक भी टेट पास प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की तरह सीधी नियुक्ति में शामिल होंगे और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की ओर से अगली नियुक्ति प्रक्रिया के लिए ली जाने वाली परीक्षा दे सकेंगे। हालांकि इस पर अंतिम निर्णय राज्य सरकार लेगी।
2015-16 में मेधा के आधार पर किए गए थे बहाल
राज्य के प्रारंभिक स्कूलों में अब तक पारा शिक्षकों के लिए 50 फीसदी पद आरक्षित रखे गए थे। 2015-16 में हुई नियुक्ति प्रक्रिया में आधे पदों पर पारा शिक्षक बहाल किए गए थे। उस समय मेधा के आधार पर उनका चयन किया गया था, जबकि 50 फीसदी पदों पर टेट पास अभ्यर्थियों की नियुक्ति की गई थी। राज्य सरकार ने पहले ही यह तय कर लिया है कि अगली शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया के लिए परीक्षा का आयोजन होगा, जो जेएसएससी लेगा। राज्य में पिछली नियुक्ति प्रक्रिया से अब तक 12 हजार पारा शिक्षकों का चयन नियमित शिक्षक के रूप में किया गया है।
वेतनमान से सरकार पर बढ़ेगा वित्तीय भार
पारा शिक्षकों को वेतनमान का लाभ मिलने से वित्तीय भार बढ़ेगा। बिहार के तर्ज पर वेतनमान देने पर राज्य सरकार को सालाना 1056 करोड़ का अतिरिक्त भार वहन करना पड़ेगा। वर्तमान में पारा शिक्षकों के मानदेय पर 930 करोड़ रुपए खर्च होते हैं, जो बढ़कर 1986 करोड़ हो जाएंगे।
महाधिवक्ता ने टेट लेने की दी है सलाह
वैसे पारा शिक्षक जो शिक्षक पात्रता परीक्षा पास नहीं हैं, उनके लिए महाधिवक्ता ने आकलन परीक्षा (दक्षता परीक्षा) की जगह टेट लेने की ही सलाह दी है। शिक्षक पात्रता परीक्षा के आधार पर ही प्रस्तावित वेतनमान या मानदेय पारा शिक्षकों को दिया जाए। इनके लिए जल्द से जल्द शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन हो। बता दें कि टेट के आधार पर वेतनमान देने पर सभी पारा शिक्षकों को एक समान 2400 और 2800 का ग्रेड पे मिल सकेगा। अगर राज्य सरकार ने अंतिम सहमति आकलन परीक्षा पर बनाई तो आकलन परीक्षा पास करने वाले पारा शिक्षकों को 2000 और 2400 का ग्रेड पे मिलेगा।