Hindi Newsझारखंड न्यूज़On the instructions of CM Hemant Soren JBVNL purchased additional 400 MW power

सीएम हेमंत के निर्देश पर बिजली संकट से मिली निजात, JBVNL ने खरीदी 400 मेगावाट अतिरिक्त बिजली

जेबीवीएनएल ने इंडियन एनर्जी एक्सचेंज से अगले 10 दिनों में प्रतिदिन 400 मेगावाट अतिरिक्त बिजली की अग्रिम खरीद सुनिश्चित कर ली है। मांग और आपूर्ति में लगभग अतने का ही अंतर बना हुआ है।

Suraj Thakur विशेष संवाददाता, रांचीFri, 21 April 2023 07:56 AM
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झारखंड में राजधानी रांची सहित सभी जिलों में बिजली की आंख-मिचौली से राहत मिलने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश का असर दिखने लगा है। झारखंड बिजली वितरण निगम (JBVNL) की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में लगातार दूसरे दिन गुरुवार को भी फुल लोड बिजली की आपूर्ति की गई। राहत की बात यह है कि जेबीवीएनएल ने इंडियन एनर्जी एक्सचेंज से अगले 10 दिनों में प्रतिदिन 400 मेगावाट अतिरिक्त बिजली की अग्रिम खरीद सुनिश्चित कर ली है। मांग और आपूर्ति में लगभग अतने का ही अंतर बना हुआ है।  जेबीवीएनएल के इस प्रबंध से लोड शेडिंग शून्य हो गया है। दूसरी ओर स्थानीय स्तर पर ब्रेक डाउन को दुरुस्त कर जल्द आपूर्ति बहाल करने के प्रयास में जेबीवीएनएल की टीम को मुस्तैद कर दिया गया है। 

2800 मेगावाट तक बनी हुई है बिजली की मांग
राज्य में बिजली की मांग 2600 से 2800 मेगावाट बनी हुई है। दो दिन पहले तक मांग और आपूर्ति में 400 तक का अंतर बना हुआ था। जेबीवीएनएल के निदेशक मनीष कुमार के निर्देश पर एक्सचेंज से 30 अप्रैल तक के लिए प्रतिदिन के लिए 400 मेगावाट बिजली अग्रिम खरीद ली गई है। मुख्यालय  के प्रबंधक ऋषिनंदन को यह निर्देश दिया गया है कि वह 30 अप्रैल से पहले राज्य में बिजली की मांग का मूल्यांकन करके रखें ताकि मई में 10-10 दिनों के लिए अग्रिम बिजली की खरीद सुनिश्चित की जा सके। सीएमडी खुद बिजली व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं। 

अगले 30 दिनों तक बिजली का प्रबंध कर लिया
इस बार झारखंड सहित कुछ राज्यों ने एक साथ 10 से 30 दिनों के लिए अपनी मांग भेज कर बिजली का प्रबंध कर लिया है। इससे बचत और स्थायी आपूर्ति 2 लाभ हुए। जेबीवीएनएल को एक्सचेंज से 6 से 7 रुपये प्रति यूनिट की दर से 400 मेगावाट अतिरिक्त बिजली उपलब्ध हो गई है। हर दिन करीब 2 करोड़ रुपये की बिजली अतिरिक्त खरीदी गई है। बिजली वितरण कंपनी जेबीवीएनएल को सवा 3 से सवा 4 रुपये की दर से थर्मल पावर पूर्व में हुए समझौते के आधरा पर विभिन्न उत्पादन कंपनियों से बिजली मिलती है। यह करार 25-25 वर्षों के लिए की गई है। 

400 मेगावाट कम पड़ रही थी बिजली
समझौते के तहत राज्य में सरकारी स्तर पर उत्पादन के बाद बिजली इन दिनों भीषण गर्मी में मांग की तुलना में करीब 400 मेमेगावाट कम पड़ जाती है। राज्य में सरकारी स्तर पर केवल तेनुघाट थर्मल उत्पादन निगम से करीब 350-370 मेगावाट तक हो पा रहा है। मांग 2600 से 2800 मेगावाट बनी हुई है। उत्पादन और मांग के बीच अंतर को दूर करे के लिए जेबीवीएनएल सेंट्रल पुल, एनटीपीसी, डीवीसी, सेकी और राज्य की निजी उत्पादन इकाइयों के समझौते के आधार पर बिजली लेता है। इसके बाद अतिरिक्त बढ़ी हुई मांग को नीलामी के आधार पर अधिकतम 10 रुपये की दर से इंडियन एनर्जी एक्सचेंज से ससमय खरीद कर पूरी करनी पड़ती है। 

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