दिनेश गोप से सफेदपोशों के कितने गहरे हैं संबंध, खंगालेगी NIA; पूछताछ शुरू
एनआईए के हत्थे चढ़े पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप से आठ दिनों के रिमांड पर एनआईए बड़े राज उगलवाएगी। दिनेश गोप ने शुरुआती पूछताछ में राजनीतिक संरक्षण मिलने की बात कबूली है। एनआईए पता लगाएगी।
एनआईए के हत्थे चढ़े पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप से आठ दिनों के रिमांड पर एनआईए बड़े राज उगलवाएगी। दिनेश गोप ने शुरुआती पूछताछ में राजनीतिक संरक्षण मिलने की बात कबूली है। वहीं पुलिस के निचले स्तर से भी दिनेश गोप को सपोर्ट मिलने की बात सामने आई है। दिनेश गोप ने शुरुआती पूछताछ में अपने मददगारों के नाम भी बताए हैं। हालांकि 8 दिनों की रिमांड पर दिनेश गोप नए खुलासे कर सकता है। रांची, खूंटी में लेवी की रकम का निवेश करने वालों पर भी एनआईए दबिश डाल सकती है। गौरतलब है कि तकरीबन 2 दशक से झारखंड में आतंक का पर्याय रहे उग्रवादी दिनेश गोप पर सरकार ने 30 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। वह वेश बदलकर छुप रहा था।
टेरर फंडिंग की जांच में अब तक क्या
एनआईए ने नोटबंदी के दौरान बेड़ो थाने में दर्ज केस के आधार पर टेरर फंडिंग का केस दर्ज किया था। एनआईए की अब तक की जांच में यह बात सामने आई है कि विनोद कुमार, चंद्रशेखर कुमार, नंद किशोर महतो और मोहन कुमार पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप के करीबी थे। इन्होंने आपराधिक साजिश के तहत पीएलएफआई के लेवी-रंगदारी के रुपयों को जुटाने में मदद की। वहीं लेवी के पैसों के निवेश में सुमंत कुमार, नंदलाल स्वर्णकार, चंद्रशेखर सिंह, अरुण गोप, जीतेंद्र कुमार व गुजरात के हवाला कारोबारी नवीन भाई जयंती भाई पटेल तथा दिनेश गोप ने मिलकर लेवी-रंगदारी के रुपयों को शेल कंपनियों में खपाया। ये रुपये ठेकेदार, व्यवसायी व विकास परियोजनाओं से लेवी के रूप में उठाए गए थे।
कई कंपनियों में किया गया था निवेश
एनआईए की जांच में यह बात सामने आई है कि लेवी के रुपये मेसर्स शिव आदि शक्ति, मेसर्स शिव शक्ति समृद्धि इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स भव्य इंजीकॉन जैसी शेल कंपनियों में निवेश किए गए। ये कंपनियां दिनेश गोप के परिवार के सदस्यों के साथ पार्टनरशिप में संचालित हैं। अधिकांश कंपनियों में सुमंत कुमार और दिनेश की दोनों पत्नियां सह निदेशक थीं।
लेवी-रंगदारी के रुपयों को हवाला के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाने की पुष्टि हुई थी। दो दर्जन से अधिक बैंकों के खाते में 2.5 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ था। ये बैंक खाते शेल कंपनियों के अलावा दिनेश गोप के परिवार के सदस्यों के नाम पर भी हैं।