जिंदगी से खिलवाड़ : झारखंड में सेनेटाइज किए बिना ही खोल दिए कई स्कूल
राज्य के सरकारी स्कूलों को गैर शैक्षणिक कार्यों के लिए बिना सेनेटाइज किए खोला जा रहा है। बीते ढाई महीने से बंद पड़े स्कूलों को नए नामांकन, टीसी देने, पाठ्यपुस्तक वितरण करने और मध्याह्न भोजन का चावल...
राज्य के सरकारी स्कूलों को गैर शैक्षणिक कार्यों के लिए बिना सेनेटाइज किए खोला जा रहा है। बीते ढाई महीने से बंद पड़े स्कूलों को नए नामांकन, टीसी देने, पाठ्यपुस्तक वितरण करने और मध्याह्न भोजन का चावल बांटने के लिए सोमवार से खोला गया, लेकिन स्कूल के सेनेटाइजेशन की कोई व्यवस्था नहीं है। स्कूलों में हर दिन दो शिक्षकों को रोटेशन के आधार पर आने को कहा गया है, ताकि निर्धारित गैर शैक्षणिक कार्य पूरे किए जा सके।
स्कूलों में पहली, छठी और नौवीं कक्षा के लिए जहां नया नामांकन होना है। वहीं पांचवीं-आठवीं के छात्र-छात्राओं को अगली क्लास में नामांकन के लिए टीसी लेनी है। इसके अलावा स्कूली बच्चों या उनके अभिभावकों को बुलाकर पाठ्य पुस्तकें और मध्याह्न भोजन योजना का चावल भी दिया जाना है। इन कार्यों को करने के लिए शिक्षकों को कोरोना संक्रमण के फैलाव से बचने के लिए मास्क पहनने, सेनेटाइजर का उपयोग करने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने का निर्देश दिया गया है।
विभाग की ओर से अब तक स्कूलों को सेनेटाइज करने को लेकर कोई निर्देश नहीं दिए गए हैं। स्कूल प्रबंधन समिति या प्रधानाध्यापक अपने खर्चे से या फिर विद्यालय कल्याण कोष की राशि से स्कूलों को सेनेटाइज कराएंगे इसका स्पष्ट निर्देश नहीं आया है।
आपदा में 66 दिन बंद रहे स्कूल: कोरोना संक्रमण के दौरान लॉकडाउन में राज्य के करीब 40 हजार सरकारी स्कूल 66 दिनों से बंद रहे। गैर शैक्षणिक कार्य के लिए सोमवार से स्कूलों को खोला गया। शिक्षकों ने स्थानीय मजदूरों को बुलाकर स्कूलों की साफ-सफाई कराने का काम शुरू किया। वैसे स्कूल, जहां कमरों की संख्या कम है, वहां झाड़ू-पोंछा के बाद कमरों को धुलवाया गया। वहीं, बड़े स्कूलों में साफ-सफाई का काम अगले दो-चार दिनों तक जारी रहने की उम्मीद है।
जनप्रतिनिधियों से सहयोग की अपील की जाएगी : कई स्कूलों के शिक्षकों ने कहा है कि सरकार की ओर से स्पष्ट निर्देश नहीं आने पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों से स्कूलों को सेनेटाइज करवाने की अपील करेंगे। स्कूलों में स्थानीय लोगों के बच्चे पढ़ते हैं, ऐसे में जनप्रतिनिधि कोरोना महामारी के संकट में जहां जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं, वहीं अपने बच्चों के लिए स्कूल परिसर की साफ-सफाई के साथ भवन को सेनेटाइजन कराने का काम करेंगे। इसमें शिक्षक संघों के माध्यम से भी सांसद, विधायक, मुखिया, वार्ड पार्षद से अपील की जाएगी।
मॉडल स्कूल में नामांकन के लिए 23 जून तक आवेदन : राज्य के मॉडल स्कूलों में नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। एक जून से 23 जून तक इसके लिए नामांकन फॉर्म भरा जाएगा। इसकी प्रवेश परीक्षा 18 जुलाई को होगी। छात्र इसका नामांकन फॉर्म जैक की वेबसाइट से जाकर डाउनलोड कर सकते हैं। निर्धारित दिनांक से पहले इसे भरकर छात्रों को प्रखंड प्रसार शिक्षा पदाधिकारी या जिला शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय में जमा करना होगा।
100 अंकों की होगी परीक्षा: प्रवेश परीक्षा लिखित होगी। इसमें तीन विषयों अंग्रेजी, गणित और सामाजिक विज्ञान की कुल 100 अंकों की परीक्षा होगी। इसके लिए दो घंटे का समय होगा। अंग्रेजी और गणित से 30-30 अंक व सामाजिक विज्ञान से 40 अंकों के प्रश्न पूछे जाएंगे। सामान्य दिनों में यह प्रक्रिया मार्च तक पूरी ली जाती थी। लॉकडाउन के कारण इस बार दो महीने की देरी से इसे शूरू किया जा रहा है। इसका असर इसके सेशन पर भी पड़ेगा।