झारखंड में पारा शिक्षकों में EPF-पेंशन पर सहमति, सरकार से पेंच
विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने ईपीएफ की राशि अगस्त से ही जुलाई के मानदेय से काटने की अपनी ओर से हरी झंडी दे दी है, लेकिन सरकार की ओर से ही इसमें पेच फंस गया है। इस पर नाराजगी जाहिर की गई।
झारखंड के पारा शिक्षकों (सहायक अध्यापकों), बीआरपी-सीआरपी और कस्तूरबा विद्यालय के कर्मियों के बीच ईपीएफ व पेंशन के लिए सहमति बन गई है। विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने ईपीएफ की राशि अगस्त से ही जुलाई के मानदेय से काटने की अपनी ओर से हरी झंडी दे दी है, लेकिन सरकार की ओर से ही इसमें पेच फंस गया है। झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में मुख्य सचिव ने ईपीएफ के प्रस्ताव को वित्त विभाग को दे दिया है। साथ ही, शिक्षा विभाग के इन कर्मियों की तरह दूसरे विभागों में कितने कर्मी हैं, जिन्हें ईपीएफ का लाभ नहीं मिल रहा है, इसकी रिपोर्ट तलब की है।
सरकार द्वारा लागू नियम स्वीकार्य होंगे
जेईपीसी में एकीकृत सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा, झारखंड राज्य प्रशिक्षित सहायक अध्यापक संघ, टेट सफल सहायक अध्यापक संघ, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय कर्मी संघ और बीआरपी-सीआरपी महासंघ के प्रतिनिधियों की संयुक्त बैठक हुई। बैठक में संगठनों के प्रतिनिधियों ने ईपीएफ व पेंशन पर आम सहमति बनायी। साथ ही, स्पष्ट कर दिया कि सरकार की ओर से जो नियम लागू किये जाएंगे, वह उन्हें स्वीकार होगा। वहीं, कल्याण कोष के लिए जेईपीसी प्रपत्र जारी करेगा। इसमें 31 अगस्त तक सभी पारा शिक्षक, बीआरपी-सीआरपी और कस्तूरबा कर्मी रजिस्ट्रेशन करेंगे और सदस्य बनेंगे। कल्याण कोष में दो बच्चों की उच्च शिक्षा, शादी, गंभीर बीमारी के इलाज के लिए राशि का प्रावधान किया जाएगा।
ईपीएफ और पेंशन में होगा प्रावधान
शिक्षा विभाग के इन कर्मियों को ईपीएफ-पेंशन का लाभ देने के लिए उनके मानदेय से हर महीने 1800 रुपये (12 प्रतिशत) काटे जाएंगे, जबकि सरकार 1950 रुपये (13 प्रतिशत) देगी। इन दोनों राशि में से 2350 रुपये कर्मियों के ईपीएफ में जमा होगा, जबकि बचे 1250 रुपये पेंशन में और 150 रुपये बीमा के लिए हर महीने देय होगा। सेवानिवृत्ति के बाद ईपीएफ में हर महीने जमा 2350 रुपये पूरे व्याज के साथ उन्हें एकमुश्त भुगतान कर दिया जाएगा, जबकि हर महीने कट रहे 1250 रुपये से राशि निर्धारित कर पेंशन के रूप में भुगतान किया जाएगा।
पारा शिक्षकों व अन्य का अलग से नहीं होगा बीमा
पारा शिक्षकों, बीआरपी-सीआरपी व कस्तूरबा कर्मियों का अलग से बीमा नहीं हो सकेगा। ईपीएफ की राशि से कटौती में ही बीमा होगा। इसमें हर महीने 150 रुपये जमा होंगे। किसी कर्मी के दुर्घटना के मृत्यु पर सात लाख और आकस्मिक मृत्यु पर तीन लाख से सात लाख रुपये तक दिये जाएंगे। इसके अलावा फैमली पेंशन की भी व्यवस्था की जाएगी।
कल्याण कोष में 500 रुपये अंशदान पर सहमति
शिक्षक प्रतिनिधियों ने कल्याण कोष में 500 रुपये का अंशदान करने की सहमति दी। हर माह कर्मियों के मानदेय से इसमें कटौती की जाएगी। कर्मियों की ओर से दी जाने वाले राशि व कल्याण कोष के कॉरपस फंड में जमा 10 करोड़ की राशि के ब्याज से सेवानिवृत्त पारा शिक्षक को लाभांवित किया जाएगा। वैसे पारा शिक्षक जो 31 मार्च 2021 के बाद सेवानिवृत्त हुए हैं या उनका निधन हो गया है, तो परिजनों को अधिकतम 2 लाख रुपये दिये जाएंगे।