झारखंड में सख्ती बरकरार, मौजूदा छूट के साथ लॉकडाउन 31 अगस्त तक बढ़ा
झारखंड में कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने भी अपनी कमर कस ली है और सख्ती बढ़ा दी है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि सूबे में मौजूदा रियायतों के साथ 31 अगस्त तक लॉकडाउन जारी रहेगा। इसके...
झारखंड में कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने भी अपनी कमर कस ली है और सख्ती बढ़ा दी है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि सूबे में मौजूदा रियायतों के साथ 31 अगस्त तक लॉकडाउन जारी रहेगा। इसके साथ ही अगले तीन दिनों तक राज्य में कोरोना जांच का बड़ा अभियान शुरू होगा। इस दौरान झारखंड के करीब एक लाख लोगों की जांच का लक्ष्य रखा गया है। इसका उद्देश्य कोरोना संक्रमण की दर का आकलन करना है।
सूत्रों की मानें तो जांच की रिपोर्ट के आधार पर कोरोना संक्रमण के स्वरूप की मूल्यांकन होगा। इससे काफी हद तक स्पष्ट हो जाएगा कि कोरोना संक्रमण की गति कितनी खतरनाक है। इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार आगे और सख्ती बढ़ाने पर विचार करेगी। सख्ती के मुद्दे पर आला अधिकारियों के बीच मंथन शुरू हो गया है।
संक्रमण को रोकने के लिए सरकार बड़े कदम उठाने की तैयारी में
सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन खुद मुख्य सचिव सुखदेव सिंह और स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी से हालात की नियमित रिपोर्ट ले रहे हैं। जिला उपायुक्तों से कोरोना संक्रमण की रिपोर्ट ली जा रही है। सीएम सोरेन कोरोना के बढ़ते संक्रमण से चिंतित हैं। उन्होंने पहले भी कहा है कि जीवन और जीविका में वह जीवन को तरजीह देंगे। इन दिनों राज्य में कोरोना के बढ़ते संकमण को रोकने के लिए सरकार कड़े कदम उठाने की तैयारी कर रही है।
सरकार की हालात पर नजर
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री के साथ मंत्रिमंडल के कई मंत्रियों ने लॉकडाउन में सख्ती से बढ़ाने की सिफारिश की थी और मुख्यमंत्री को अंतिम निर्णय लेने के लिए अधिकृत कर दिया। मुख्यमंत्री ने खुद भी कहा है कि राज्य में संक्रमण बढ़ रहा है और सरकार हर एक हालात पर नजर रख रही है। उन्होंने कहा था कि लॉकडाउन के दौरान परिवहन में दी गई छूट के कारण भी राज्य में कोरोना का संक्रमण बढ़ा है। बाहर से आ रहे लोगों के कारण भी कोरोना का प्रसार तेज हुआ है।
तीन दिन में एक लाख कोरोना जांच का लक्ष्य
जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग अगले तीनों दिनों में करीब 80 हजार से एक लाख कोरोना की जांच करेगी। जांच की रिपोर्ट के आधार पर कोरोना संक्रमण के स्वरूप की मूल्यांकन होगा। इससे काफी हद तक स्पष्ट हो जाएगा कि कोरोना संक्रमण की गति कितनी खतरनाक है। कोरोना जांच अभियान का उद्देश्य ही कोरोना संक्रमण की दर का आंकलन करना है।