लॉकडाउन 2 : मजबूरी ऐसी कि फास्ट फूड कारोबारी बेच रहे सब्जी और फल
कोरोना वायरस को लेकर जिला लॉकडाउन है। राशन, सब्जी, दवा दुकानों को छोड़कर सभी प्रकार की दुकानें व प्रतिष्ठान बंद हैं। ऐसे में फास्ट फूड व्यवसाय से जुड़े लोगों के समक्ष स्थिति विकराल होने लगी...
कोरोना वायरस को लेकर जिला लॉकडाउन है। राशन, सब्जी, दवा दुकानों को छोड़कर सभी प्रकार की दुकानें व प्रतिष्ठान बंद हैं। ऐसे में फास्ट फूड व्यवसाय से जुड़े लोगों के समक्ष स्थिति विकराल होने लगी है।
रोजी-रोजगार बंद होने से परिवार में राशन की किल्लत होने लगी है। ऐसे में चास नगर निगम क्षेत्र के 50 से अधिक फास्ट फूड व्यवसाय से जुड़े लोगों ने इस संकट में भी अपने परिवार का भरण पोषण करने को लेकर तरकीब ढूंढ लिया है। विभिन्न इलाकों में ठेले से सब्जी बेचकर परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं।
सब्जी विक्रेता हीरा कुमार ने बताया कि चाट और चाउमिन का व्यवसाय करता था। लेकिन, अभी क्षेत्र में सब्जी बेच रहा हूं। इस दौरान समय और सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखता हूं। बताया कि पास के बाजार में ही सस्ते दामों पर हरी सब्जियां मिल जाती है। थोड़ा मुनाफा रखते हुए बेच देते हैं। इस विकट परिस्थति में भी 2 से 3 सौ रुपये की कमाई प्रतिदिन हो जाती है।
अब बेचने लगे सब्जी-फल : कभी तुपकाडीह के विभिन्न गांवों में घूम कर तथा शाम को चौक बाजार में छोला और गुपचुप बेचने वाला रंजीत वर्णवाल अब अपने ठेले पर सब्जी और फल लेकर बेच रहे हैं। रंजीत के अलावा आइसक्रीम विक्रेता छोटू साव, होटल मालिक जगदीश साव, इटली विक्रेता सुरेश वर्णवाल, धुस्का विक्रेता ललित महतो आदि भी हैं जो अपने पुराने धंधे छूटने पर फल, सब्जी,दूध, ब्रेड आदि बेच रहे अपने समेत परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं।