झारखंड में गहराया बिजली संकट, आपूर्ति में भारी कटौती; गर्मी में हलकान हुए लोग
आधी रात में लोगों के सो जाने के बाद 4-5 घंटे रांची शहर की बिजली गुल हो जाती है। इस कारण लोग रात 3 बजे ही जग जाते हैं और बिन बिजली गर्मी से बेहाल होकर घरों के बाहर टहलने लगते है। यह कई शहरों का हाल है।
आधी रात में लोगों के सो जाने के बाद 4-5 घंटे रांची शहर की बिजली गुल हो जाती है। इस कारण लोग रात 3 बजे ही जग जाते हैं और बिन बिजली गर्मी से बेहाल होकर घरों के बाहर टहलने लगते है। यह स्थिति रांची में लगातार जारी बिजली संकट के कारण उत्पन्न हुई है। स्थिति इतनी गंभीर है कि सुबह से लेकर पूरी रात 44 सब स्टेशनों से क्रमवार लोड शेडिंग की जाती है। रात होते ही बिजली कटौती की अवधि में पीक आवर में 4-5 घंटे और नॉन पीक आवर में 3-4 घंटे तक हो जाती है। बिजली कटौती से जहां एक ओर जनता बेहाल है, तो दूसरी ओर झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड दावा कर रहा है कि रांची शहर को जरूरत के हिसाब से 330-340 मेगावाट बिजली मिल रही है। दावा के बाद भी लोग बाधित बिजली और गर्मी से बहाल हो गए है और जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया हैं।
रांची को हो रही है 54 मेगावाट की कमी
पिक आवर में रांची को 54 मेगावाट बिजली की कमी हो रही है। चार दिन पूर्व हटिया और नामकुम ग्रिड में पावर ट्रांसफार्मर में काम होने के कारण ओवर लोड की समस्या थी। परंतु अब सेंट्रल पूल से कम बिजली मिलने के कारण लोड शेडिंग रांची में मौजूद 200 फीडरों से की जा रही है। चार ग्रिड को रांची के लिए 286 मेगावाट बिजली मिली। परंतु जरूरत के हिसाब से 54 मेगावाट कम होने के कारण मजबूरन दावा के बाद भी बिजली कटौती की जा रही हैं।
छोटे उद्योगों पर बिजली कटौती का असर
बिजली कटौती का सीधा असर रांची में मौजूद छोटे उद्योगों पर पड़ रहा है। उद्यमी दीपक मारु के अनुसार रांची व आसपास के इलाकों में आठ-10 घंटे बिजली बाधित रह रही है, इसका असर छोटे उद्योगों पर पड़ रहा है। उन्हें डीजल का व्यय कर जेनरेटर का सहारा लेना पड़ रहा है। इसमें 40-50 हजार रुपये अतिरिक्त खर्च वहन करना पड़ रहा है। लघु उद्योग भारती के महासचिव डॉ अभिषेक रामाधीन और प्रवक्ता ज्योति कुमारी कहना है कि राज्य में नियमित पावर कट से औद्योगिक इकाइयां अस्त व्यस्त हो गई है। इससे औद्योगिक उत्पादन प्रभावित हो रहा है। झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष किशोर मंत्री, उपाध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा, अमित शर्मा, रोहित पोद्दार, शैलेष अग्रवाल ने भी बिजली संकट पर गहरी चिंता जाहिर की है। जानकारी के अनुसार रांची के तुपुदाना में 300, कोकर इंडस्ट्रियल में दर्ज 110 इंडस्ट्री में से 11-12 उद्योग संचालित की जा रही है।