उग्र होता जा रहा है 'कुरमी आंदोलन', बनी आर्थिक नाकेबंदी की रणनीति; ये हैं मुख्य मांगें
रविवार को टोटेमिक कुरमी और कुरमी समाज का आवश्यक बैठक हुई। इसमें टोटेमिक कुरमी और कुरमी जनजाति को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने और कुड़माली भाषा को 8वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की गई।
पुराने विधानसभा विधायक आवास क्लब हाल, धुर्वा रांची में रविवार को टोटेमिक कुरमी और कुरमी समाज का आवश्यक बैठक हुई। इसमें टोटेमिक कुरमी और कुरमी जनजाति को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने और कुड़माली भाषा को 8वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की गई।
29 अक्टूबर को मोरहाबादी में आक्रोश रैली
सुषमा देवी की अध्यक्षता में हुई बैठक में वक्ताओं ने कहा कि मांग पूरी नहीं होने पर कुरमी समाज 29 अक्तूबर को मोरहाबादी में आक्रोश महारैली करेगा। इसके एक महीने बाद वह 29 नवंबर से 72 घंटे तक के लिए राज्य की आर्थिक नाकेबंदी की जाएगी। बैठक में झारखंड प्रदेश के सभी टोटेमिक कुरमी कुरमी नामधारी संगठन शामिल हुए। जिसमें मुख्य रूप से टोटेमिक कुरमी कुरमी विकास मोर्चा, आदिवासी कुरमी समाज झारखंड, टोटेमिक कुरमी सेना, झारखंड कुरमी महासभा, कुरमी सांस्कृतिक विकास समिति, कुरमी विकास परिषद, पुर्वांचल कुरमी समाज, राष्ट्रीय कुरमी सेना, कुरमी विकास मंच आदि शामिल हुए।
जाम की सफलता पर सराहना
बैठक में सर्वप्रथम दिल्ली में संसद भवन घेराव हुड़का जाम के संयुक्त कार्यक्रम की सफलता की सराहना की गई। इसमें हाल में पश्चिम बंगाल की घाघर घेरा और रेल टेका के सफल आंदोलन के लिए बंगाल के कुरमी समाज को धन्यवाद दिया गया। बैठक में मुख्य रूप से शीतल ओहदार, थानेश्वर महतो, गिरधारी महतो, दीपक महतो, मुरलीधर महतो, रचिया महतो, महेंद्र महतो, नरेश महतो, रघुनाथ महतो आदि उपस्थित थे।