Hindi Newsझारखंड न्यूज़Kasturba Residential Girls school more than 100 girls marched to meet Ranchi DC over mismanagement and poor facilities

स्कूल में अव्यवस्था से नाराज, मांडर कस्तूरबा की 100 छात्राएं डीसी से मिलने देर शाम पैदल निकलीं

मांडर स्थित कस्तूरबा स्कूल की सौ छात्राएं विद्यालय की अव्यवस्था से नाराज होकर पैदल ही डीसी से मिलने रांची के लिए निकल पड़ीं। बीडीओ ने थाना प्रभारी के साथ मिलकर छात्राओं को समझकर रात 10 बजे हॉस्टल भेजा

Abhishek Mishra हिन्दुस्तान, रांचीSun, 27 Aug 2023 08:43 AM
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मांडर स्थित कस्तूरबा स्कूल की सौ छात्राएं विद्यालय की अव्यवस्था से नाराज होकर पैदल ही डीसी से मिलने रांची के लिए निकल पड़ीं। नजर पड़ने पर पुलिस ने छात्राओं को रोका। उसके बाद सभी को थाने लाया गया। यहां छात्राएं डीसी को बुलाने पर अड़ गईं। सूचना पर मांडर बीडीओ सुलेमान मुंडरी पहुंचे। उन्होंने थाना प्रभारी के साथ मिलकर छात्राओं को समझाया और रात करीब 10 बजे उन्हें बस से हॉस्टल पहुंचाया। इस मामले में जानकारी लेने के लिए कई बार वार्डेन इंदु केरकेट्टा को फोन किया गया लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।

जानकारी के अनुसार छात्राएं शाम सात बजे हॉस्टल से निकल गईं। जब छात्राएं रोते हुए बाहर निकली तो लोगों को कुछ समझ में नहीं आया। छात्राएं हाथ में तख्ती लेकर निकली थीं। इसी बीच, पुलिस की नजर पड़ गई और सभी को थाने लाया गया। छात्राओं ने थाने में बताया कि शिक्षकों के अभाव में पढ़ाई नहीं हो पा रही है। केवल दो विषय की पढ़ाई होती है। सुबह का नाश्ता कब मिलेगा यह निश्चित नहीं रहता। मेन्यू का पालन नहीं होता। किसी भी मामले में शिकायत करने पर उन्हें दंडित किया जाता है। शिकायत करने पर 27 जुलाई को 10वीं कक्षा की छात्राओं को चार घंटे तक धूप में खड़ा रखा गया था।

पुलिस ने रोका तो रो-रोकर बताया विद्यालय का हाल

पुलिस जब छात्राओं को थाने ले आई तो सभी ने यहां रो-रोकर अपनी समस्याएं बताईं। छात्राओं का कहना था कि कई विषयों के शिक्षक नहीं रहने के कारण उनकी पढ़ाई बाधित हो रही है। उन्हें छात्रवृत्ति भी नहीं मिल रही है। कभी-कभी खाने में भी समस्याएं हो जाती हैं। छात्राएं थाने परिसर में ही डीसी को बुलाने की मांग पर देर तक अड़ीं रहीं तब बीडीओ पहुंचे और छात्राओं को समझाकर हॉस्टल पहुंचाया।

मांडर के बीडीओ सुलेमान मुंडरी ने बताया कि शिक्षकों की कमी और आंतरिक व्यवस्था से छात्राएं नाराज थीं। घंटी आधारित शिक्षक बढ़ाने का प्रयास होगा। सोमवार को बैठक कर मॉनिटरिंग कमेटी बनाई जाएगी जो आंतरिक व्यवस्था पर नजर रखेगी।

 

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