झारखंड : 40 लाख विद्यार्थियों के खाते में छात्रवृत्ति और साइकिल के पैसे अब जाएंगे
झारखंड के विद्यार्थियों के खातों में छात्रवृत्ति, पोशाक और साइकिल मद की राशि जानी शुरू हो जाएगी। झारखंड सरकार ने कोरोना काल में इन मदों में राशि भुगतान पर लगाई रोक हटा ली है। वित्त सचिव हिमानी पांडेय...
झारखंड के विद्यार्थियों के खातों में छात्रवृत्ति, पोशाक और साइकिल मद की राशि जानी शुरू हो जाएगी। झारखंड सरकार ने कोरोना काल में इन मदों में राशि भुगतान पर लगाई रोक हटा ली है। वित्त सचिव हिमानी पांडेय ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। इसका फायदा लगभग 40 लाख विद्यार्थियों को मिलेगा।
वित्त सचिव के आदेश में कहा गया है कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से दी जाने वाली सभी छात्रवृत्ति योजनाओं की राशि सीधे लाभुकों के खाते में भेजी जाएंगी। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता, खेलकूद एवं युवा कार्य तथा महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की छात्रवृत्ति योजनाओं के लिए भी यह लागू होंगी। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की ओर से साइकिल खरीदने के लिए दी जाने वाली राशि भी सीधे विद्यार्थियों के खाते में भेजनी शुरू हो जाएंगी। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की साइकिल योजना के लिए भी यह प्रावधान किया गया है।
पोशाक और किताब का पैसा भी भेजा जाएगा : वित्त सचिव ने आदेश दिया है कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की ओर से बच्चों के पोशाक और स्कूल किट खरीदने के लिए पैसे से संबंधित बिल का भुगतान किया जाए। नौंवी से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के पाठ्य-पुस्तक खरीदने के लिए उनके खातों में राशि भेजने से संबंधित बिल कोषागारों में पास किए जाएं। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के छात्राओं के स्टाइपेंड से संबंधित बिल भी नहीं रोका जाए। मातृ वंदना योजना से संबंधित बिलों के भुगतान पर लगी रोक भी हटा ली गई है।
फोन, इंटरनेट पर खर्च के तीन फीसदी की सीमा हटी : विभिन्न विभागों में फोन या इंटरनेट के लिए प्रावधान की गई राशि में से तीन फीसदी के खर्च की सीमा हटा ली गई है। आवश्यक कार्यों के लिए पारिश्रमिक के भुगतान के लिए जून महीने से हर महीने कार्यालय खर्च, मशीन, उपकरण और ईंधन तथा मेंटेनेंस मद में कुल प्राप्त आवंटन की आठ फीसदी तक राशि खर्च की जा सकेगी। भाड़े पर रखे वाहनों के किराये का भुगतान भी किया जा सकेगा। बाकी मामलों में विभागीय सचिव अपने स्तर से भी फैसला ले सकते हैं।
साफ-सफाई में फंड की नहीं होगी कमी : शहरी निकायों को विभिन्न स्तरों पर सफाई कार्य के लिए पैसा खर्च करने की छूट मिल गई है। इसके अलावा जलापूर्ति के संचालन के लिए भी फंड की कमी नहीं होगी। पेयजल स्रोतों या जलापूर्ति प्रणाली के रखरखाव या मरम्मत पर खर्च होने वाली राशि की निकासी के लिए भी छूट दे दी गई है। बिजली आपूर्ति व्यवस्था को बनाए रखने के लिए जरूरी बिल भी अब पास होंगे।