Hindi Newsझारखंड न्यूज़Jharkhand ration crisis for more than 1 crore 25 lakh people as center cuts supply for this month

केंद्र सरकार से सप्लाई कटौती का असर, झारखंड में सवा करोड़ लोगों के राशन पर संकट

झारखंड में एक करोड़ 25 लाख से अधिक लाभुकों को अगस्त महीने में मिलने वाले राशन पर संकट है। इसका मूल कारण है कि केंद्र ने राज्य को मिलने वाले अनाज में से 74 हजार मीट्रिक टन की कटौती कर दी है।

Abhishek Mishra चंदन मिश्र, रांचीMon, 21 Aug 2023 03:29 PM
share Share

झारखंड में एक करोड़ 25 लाख से अधिक लाभुकों को अगस्त महीने में मिलने वाले राशन पर संकट है। इसका मूल कारण है कि केंद्र ने राज्य को मिलने वाले अनाज में से 74 हजार मीट्रिक टन की कटौती कर दी है। अगस्त महीने के लिए निर्धारित खाद्यान्न के कुल आवंटन लगभग 1,46,000 मीट्रिक टन के विरूद्ध 74 हजार मीट्रिक टन की कटौती कर ली गई है। इसकी वजह से राज्य के आधे से अधिक लाभुक को खाद्यान्न नहीं मिल पायेगा। आंकड़ों के अनुसार राज्य में 2.79 करोड़ लाभुकों को केंद्र अनाज देता है। इस बार करीब 50 फीसदी की कटौती कर दी गई है। ऐसे में करीब सवा करोड़ लोगों को अनाज मिलने पर संकट गहरा गया है।

झारखंड के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव ने भी स्वीकार किया है कि 74 हजार मीट्रिक टन अनाज की कटौती से राज्य के समक्ष यह संकट खड़ा हो गया है। केंद्र का कहना है कि झारखंड को यह अनाज पहले ही आवंटित कर दिया गया है। लेकिन अनाज वितरण का पोर्टल बताता है कि 74 हजार टन अनाज बांटा ही नहीं गया। मंत्री रामेश्वर उरांव के मुताबिक यह आंकड़ा 57 हजार मीट्रिक टन होना चाहिए। राज्य सरकार केंद्र के राशन कटौती के आंकड़े को विवादास्पद मानती है।

कटौती का कारण

जानकारी के मुताबिक केंद्र की ओर से बताया गया है कि वर्ष 2022 में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराये गये खाद्यान्न का संपूर्ण वितरण नहीं हुआ है। इस योजना अंतर्गत शेष खाद्यान्न झारखंड में बचा हुआ है। बचे खाद्यान्न की कटौती की गई है। राज्य के सामने यह जांच का विषय है कि योजना के तहत बचे हुए खाद्यान्न कहां हैं। अनाज का पूर्ण वितरण नहीं किए जाने के लिए कौन जिम्मेवार है।

किश्तों में हो कटौती: मंत्री

राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री डा. रामेश्वर उरांव का कहना है कि केंद्र का दावा सही भी हो सकता है। लेकिन राज्य सरकार के पास जो आंकड़ा है, उसके अनुसार 57 हजार मीट्रिक टन खाद्यान्न की कटौती होनी चाहिए थी। खाद्यान्न के आंकड़ों में यहां अंतर है। मंत्री ने कहा कि वे केंद्र से बात करेंगे कि एक साथ न कटौती की जाये। किश्तों में यह खाद्यान्न काटा जाए। राज्य सरकार कोशिश करेगी कि किसी तरह लाभुकों तक अनाज पहुंचाया जाये। राज्य सरकार इस समस्या को दूर करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।

केंद्र सरकार 2.79 करोड़ लाभुकों को देती है अनाज

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन एवं राज्य खाद्य सुरक्षा योजना के तहत राज्य की कुल जनसंख्या का 84.71 प्रतिशत अर्थात 2.79 करोड़ लाभुकों को खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाता है। खाद्य सुरक्षा मिशन के अंतर्गत हर महीने 1,46,000 मीट्रिक टन खाद्यान्न आवंटन दिया जाता है। मगर इसके विरुद्ध इस माह के लिए 18 अगस्त तक मात्र 29,917 मीट्रिक टन खाद्यान्न का वितरण हो पाया है। इस प्रकार अगस्त में अभी तक 1,16,000 मीट्रिक टन खाद्यान्न का वितरण 18 अगस्त तक नहीं हो पाया है।

अगला लेखऐप पर पढ़ें