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सूबे की 28 बाजार समितियों को खुद चलाएगी झारखंड सरकार, जानें क्यों रघुवर सरकार को थी इस पर आपत्ति

राज्य सरकार सूबे के बाजार समितियों को खुद से चलाने की तैयारी में है। सभी 28 बाजार समिति में सरकार अपना प्रतिनिधि नियुक्त करेगी, जो बंद मंडी टैक्स की वसूली कर सरकारी खजाने में डालेंगे। कृषि विभाग ने...

rupesh रांची हिन्दुस्तान ब्यूरो, Tue, 23 June 2020 05:49 PM
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राज्य सरकार सूबे के बाजार समितियों को खुद से चलाने की तैयारी में है। सभी 28 बाजार समिति में सरकार अपना प्रतिनिधि नियुक्त करेगी, जो बंद मंडी टैक्स की वसूली कर सरकारी खजाने में डालेंगे। कृषि विभाग ने इस संबंध में प्रस्ताव बनाना शुरू कर दिया है। फिलहाल इस पर मुख्यमंत्री स्तर से वार्ता की जा रही है। 

बता दें कि रघुवर सरकार ने बाजार समिति टैक्स में हो रहे घोटालों को देखते हुए इस टैक्स को बंद कर दिया था। यह बात कहा था कि टैक्स सरकार के खजाने में नहीं आता, इसका बंदरबांट कर लिया जाता है। इसके बाद सभी बाजार समितियों से टैक्स वसूली बंद कर दी गई थी। 

एक प्रतिशत टैक्स लेने की तैयारी : पिछली बार की तरह ही इस बार भी बाजार समिति से एक प्रतिशत टैक्स लिए जाने की तैयारी है। यह टैक्स बाजार समिति में आने वाले किसी भी माल वाहक से उसके कुल उत्पाद के मूल्य पर वसूला जाता है। पहले यह टैक्स बाजार समिति के बोर्ड के नाम पर लिया जाता था, लेकिन इसमें कई घोटाले सामने आने के बाद समिति का पूर्ण विकास कार्य नहीं हो पाया।

गुजरात के मॉडल पर की जा रही है तैयारी : बाजार समिति से टैक्स वसूलने की शुरुआत करने से पहले दूसरे राज्यों का मॉडल देखा जा रहा है। इसमें गुजरात में टैक्स वसूली के नियमों और इसके सरकारी स्तर से उपयोग की बारीकियों को टटोला जा रहा है। विभागीय सूत्रों की माने तो गुजरात के मॉडल पर ही टैक्स वसूली का काम पूरा किया जाएगा। इसे लेकर मुख्यमंत्री से अनुमोदन मिलना बाकी है।

बाजार समिति ने इस पहल का स्वागत किया: बाजार समिति ने भी सरकार के इस पहल का स्वागत किया है। कहा है कि अगर सरकार टैक्स अपने पास रखती है तो इससे काफी लाभ मिलेगा। बाजार समिति का विकास होगा और इससे किसानों को भी लाभ मिलेगा। लेकिन, इसे पूरा करने से पहले सरकार को जर्जर स्थिति में पड़े दर्जनभर बाजार समितियों को दुरुस्त करना होगा। कई समिति के दुकानों में आर्मी को ठहराया गया है उसे खाली कराना होगा। साथ ही गुमला में तो कोई दुकान में सामान बिकता ही नहीं है। सभी खाली पड़े हैं। इसे दुरुस्त करने के बाद ही कोई फैसला लिया जाना चाहिए। 

बाजार समितियों को दुरुस्त किया जाएगा : कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने बताया कि सभी पुरानी व्यवस्था धीरे-धीरे खत्म की जाएगी। बाजार समिति से टैक्स लेने का काम फिर शुरू किया जाएगा। टैक्स की जो राशि सरकार के पास आएगी उससे बाजार समिति व किसानों के कल्याण के कार्य में खर्च किए जाएंगे। बाजार समितियों को दुरुस्त किया जाएगा ताकि किसानों को सीधे इन समितियों से लाभ मिल सके। 

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