विफल हुआ झारखंड बंद, रोज की तरह खुली दुकानें; सड़क पर रही चहल-पहल
शहर के सभी शिक्षण संस्थान एहतियात तौर पर बंद रहे। बंद को लेकर रांची जिला प्रशासन की ओर से किसी भी तरह के उपद्रव से निपटने के लिए सुरक्षा के सभी तरह से पुख्ता इंतजाम किए गए थे। कुल मिलाकर बंद बेअसर रहा
नियोजन नीति के विरोध में सोमवार को झारखंड बंद रांची में विफल रहा। दोपहर तक शहर के किसी भी इलाके से किसी भी तरह की अप्रिय घटना की सूचना नहीं थी। शहर के में मेन रोड, अपर बाजार, पंडरा समेत अन्य इलाके की दुकानें, प्रतिष्ठान, बैंक, कचहरी, पेट्रोल पंप खुले रहे। रेल, बस और विमान सेवा भी सुचारू रूप से चलते रहे। सभी सरकारी एवम सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठान कार्य दिवस पर खुले रहे और अन्य दिनों की तरह कामकाज होता रहा।
एहतियातन बंद रहे सभी शैक्षणिक संस्थान
शहर के सभी शिक्षण संस्थान एहतियात तौर पर बंद रहे। बंद को लेकर रांची जिला प्रशासन की ओर से किसी भी तरह के उपद्रव से निपटने के लिए सुरक्षा के सभी तरह से पुख्ता इंतजाम किए गए थे। बंद का आह्वान यूथ एसोसिएशन की ओर से किया गया था। जो झारखंड में सरकार की ओर से 60/40 नियोजन नीति के आधार पर बहाली निकलने का विरोध कर रहा है। आरोप है कि इससे दूसरे राज्य के लोग नौकरी में आ जायेंगें।
झारखंड यूथ एसोसिएशन की मांगें क्या हैं
गौरतलब है कि झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार द्वारा हाल ही में लाई गई नियोजन नीति के खिलाफ झारखंड यूथ एसोसिएशन की तरफ से बंद का आह्वान किया गया था। इसे कई अन्य संगठनों का भी साथ मिला था। बंद समर्थक संगठनों की मांग है कि इस नियोजन नीति को वापस लिया जाए और खतियान आधारित नियोजन नीति बने। संगठन सबसे ज्यादा नियोजन नीति में 60:40 वाले प्रावधान का विरोध कर रहे हैं। दरअसल, नई नियोजन नीति में सरकार ने राज्य में सरकारी नौकरियों में 60 फीसदी सीटें स्थानीय युवाओं के लिए आरक्षित की हैं वहीं 40 फीसदी सीटें ओपन फॉर ऑल रखी गई है।