झारखंड : धनबाद, देवघर, चास समेत आठ नगर निकायों में 18 जून से नियुक्त होंगे प्रशासक
झारखंड के आठ नगर निकायों में आगामी 18 जून से प्रशासक नियुक्त होंगे। नगर विकास विभाग ने पांच साल का कार्यकाल पूरे कर चुके नगर निकायों के लिए राज्य मंत्रिपरिषद के पास मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजा है।...
झारखंड के आठ नगर निकायों में आगामी 18 जून से प्रशासक नियुक्त होंगे। नगर विकास विभाग ने पांच साल का कार्यकाल पूरे कर चुके नगर निकायों के लिए राज्य मंत्रिपरिषद के पास मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजा है। प्रस्ताव को हरी झंडी मिलते ही आठों नगर निकायों के निर्वाचित बोर्ड के भंग करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसके साथ ही 18 जून से धनबाद, देवघर और चास नगर निगमों के मेयर-डिप्टी मेयर को हटा दिया जाएगा। कोडरमा, झुमरी तिलैया, विश्रामपुर, मझियांव और चक्रधरपुर नगर निकायों के प्रमुख भी हटाए जाएंगे।
झारखंड नगर विकास विभाग की ओर से तैयार प्रस्ताव के तहत तीनों नगर निगमों में नगर आयुक्तों को ही प्रशासक नियुक्त किया जाएगा। बाकी पांचों नगर निकायों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों को प्रशासक नियुक्त किया जाना है। सभी को झारखंड नगरपालिका अधिनियम के तहत तमाम वित्तीय अधिकार दिए जाएंगे। नगर विकास विभाग ने प्रस्ताव पर वित्त विभाग की मंजूरी पहले ही ले ली है। आठों नगर निकाय का प्रबंधन संभालने वाले निर्वाचित जनप्रतिनिधि अपने पांच साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। कोरोना काल के कारण राज्य निर्वाचन आयोग को यहां चुनाव की प्रक्रिया टालनी पड़ी है।
निर्वाचन के बाद पहली बैठक तक रहेंगे प्रशासक : नगर विकास विभाग की ओर से तैयार प्रस्ताव के तहत आठों नगर निकायों में चुनाव के बाद निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की पहली बैठक तक प्रशासक ही प्रबंधन संभालेंगे। सरकार के पास प्रशासी परिषद बनाने का भी विकल्प था। परंतु, इसे नहीं चुना गया है। ज्ञात हो कि भारतीय संविधान की धारा 243 यू के तहत प्रत्येक नगर पालिका अपने प्रथम अधिवेशन से पांच वर्ष तक बनी रहेगी। उससे अधिक नहीं रह सकती है। संविधान की व्यवस्था के तहत तो इसका भंग होना लाजिमी है।
14 नगर निकायों के होने थे चुनाव : कोरोनाकाल के कारण राज्य निर्वाचन आयोग को 14 नगर निकायों के चुनाव टालने पड़े हैं। इनमें से गोमिया, बड़की सरेया, धनवार, हरिहरगंज, बचरा और महागामा में पहले चुनाव नहीं हुए थे। दो साल के भीतर इनका गठन ही हुआ था। इन 14 नगर निकायों में मेयर-डिप्टी मेयर या अध्यक्ष-उपाध्यक्ष का चुनाव पहली बार दलगत आधार पर होना था। धनबाद, देवघर, चास, कोडरमा, झुमरी तिलैया, विश्रामपुर, मझियांव और चक्रधरपुर नगर निकायों में भी पिछली बार दलगत आधार पर चुनाव नहीं हुए थे।