बिजली के लिए 750 करोड़ रुपये के कर्ज की गारंटी, निर्बाध आपूर्ति कर सकेगा JBVNL
मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) को सरकार की गारंटी पर ऋण लेने के लिए वित्त विभाग की ओर से मंजूरी मिल गई है। बिजली संकट सुलझेगा।
राज्य में निर्बाध बिजली आपूर्ति की ओर सरकार ने एक कदम बढ़ाया है। मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) को सरकार की गारंटी पर ऋण लेने के लिए वित्त विभाग की ओर से मंजूरी मिल गई है। अब 750 करोड़ रुपये ऋण के लिए ऊर्जा विभाग की संचिका पर सरकार की गारंटी संबंधित प्रस्ताव पर 14 दिसंबर को मुहर लगने की उम्मीद है।
ऋण लेने की प्रक्रिया शुरू करेगा जेवीबीएनएल
जेबीवीएनएल सरकार की गारंटी पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) को भेज कर ऋण लेने की प्रक्रिया शुरू करेगा। ऋण मिलने के बाद जेबीवीएनएल इंडियन एनर्जी एक्सचेंज का बकाया 205 करोड़ चुका कर सुबह और शाम के व्यस्त समय के दौरान राज्य में बिजली की मांग और आपूर्ति में 500 मेगावाट के अंतर को दूर करने के लिए अतिरिक्त बिजली खरीद सकेगा।
जैना मोड़ ग्रिड को जल्द मिलेगी वन विभाग की एनओसी
राज्य सरकार के मंत्री जगरनाथ महतो ने सोमवार को वन विभाग, बिजली वितरण निगम, संचरण निगम के अधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक कर बोकारो के जैनामोड़ में तैयार ग्रिड सब-स्टेशन को जल्द शुरू करने का निर्देश दिया। बिजली वितरण निगम के निदेशक केके वर्मा ने बैठक के बाद बताया कि जैना मोड़ में ग्रिड के लिए वन विभाग की एनओसी की जरूरत है। शेष शुल्क जमा कर एनओसी प्राप्त करने की प्रक्रिया जल्द पूरी कर ली जाएगी। जेबीवीएनएल ने राज्य के बिजली उपभोक्ताओं से अपील की है कि वह समय पर बिजली बिल का नियमित भुगतान करें।
इससे जेबीवीएनएल को बिजली खरीदने में सहूलियत होती है। अब केंद्र सरकार के नए नियम के अनुसार बकाया रहने पर बिजली खरीद पर स्वत रोक लग जाती है। या, बिजली कम मिलने लगती है।
विश्व बैंक के सहयोग से लगेंगे 3.5 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर
जेबीवीएनएल निदेशक केके वर्मा ने बताया कि विश्व बैंक के सहयोग से रांची के 3.5 लाख उपभोक्ताओं के घर स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगेंगे। जबकि रांची में बिजली के उपभोक्ताओं की संख्या सात लाख है। शेष उपभोक्ताओं के घर अगले चरण में स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाए जाएंगे। इसी प्रकार धनबाद में 1.5 लाख उपभोक्ताओं के मीटर स्मार्ट प्री-पेड में तब्दील किए जाएंगे। इसके लिए निविदा प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। राज्य में 56 लाख बिजली उपभोक्ता हैं, लेकिन अब तक पांच लाख उपभोक्ताओं के घर स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाए जा रहे हैं। एक अन्य योजना के तहत 12 लाख उपभोक्ताओं के घर स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे।