बिजली कर्मियों की हड़ताल से नहीं होगी बत्ती गुल, जेबीवीएनएल ने दिया ये निर्देश
झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड ने एक बयान जारी करके, राहत देने का प्रयास किया है। बिजली कर्मियों की हड़ताल को लेकर जेबीवीएनएल ने एक दिशा-निर्देश जारी किया है। खास प्लान तैयार किया गया है।
झारखंड में बिजली संकट गहराने का खतरा है। बीते कई सप्ताह से रांची सहित सूबे के अन्य हिस्सों में लोड शेडिंग की समस्या से ग्रस्त जनता के लिए बिजली कर्मियों की हड़ताल के रूप में दोहरी मुसीबत मुंह बायें खड़ी है। हालांकि, झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड ने एक बयान जारी करके, राहत देने का प्रयास किया है। बिजली कर्मियों की हड़ताल को लेकर जेबीवीएनएल ने एक दिशा-निर्देश जारी किया है। दिशा निर्देश के मुताबिक सभी अभियंताओं को शाम 5 बजे से रात 9 बजे तक सब स्टेशन में मौजूद रहने को कहा है। जेबीवीएनएल ने कहा है कि कर्मचारियों की हड़ताल के बावजूद राज्य में विद्युत आपूर्ति बाधित नहीं होगी। निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
जेबीवीएनएल ने जारी किया दिशा-निर्देश
झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड ने कहा है कि राज्य को जितनी भी बिजली की जरूरत है वो ग्रिड में उपलब्ध है। किसी भी हालत में रांची और आसपास के इलाकों में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। जेबीवीएनएल ने निर्देशित किया है कि सभी विद्युत कार्यपालक अभियंता अपने-अपने क्षेत्र के अनुसार हटिया, नामकुम और कांके ग्रिड के संपर्क में रहेंगे। ग्रिड से निकलने वाले 33 केवी फीडर में जितनी भी बिजली की जरूरत है, उतनी बिजली ग्रिड से संपर्क स्थापित कर सभी सब स्टेशनों को उपलब्ध कराया जाएगा। चूंकि, पावर वर्कर्स यूनियन की हड़ताल है इसलिए विशेष सतर्कता बरती जाएगी। शहर के सभी 33 और 11 केवी फीडर की निगरानी का भी निर्देश दिया गया है। अतिरिक्त मैनपावर की जरूरत होने पर विभागीय संवेदक से दक्ष कर्मियों की नियुक्ति का सुझाव दिया गया है। बता दें कि हड़ताली कर्मचारियों की संख्या काफी ज्यादा है।
बिजली कर्मियों की हड़ताल से आशंका
गौरतलब है कि झारखंड बीते कुछ सप्ताह से विद्युत संकट का सामना कर रहा है। राजधानी रांची सहित राज्य के अन्य हिस्सों में रोजाना 5-6 घंटे तक बिजली कटौती आम हो गई है। मंगलवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के अधिकारियों के साथ बैठक की और हर हाल में निर्बाध बिजली आपूर्ति करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि बिजली बिल की वसूली भी 100 फीसदी की जाए। इधर, बुधवार से झारखंड पावर वर्कर्स यूनियन के बैनर तले बिजली कर्मी हड़ताल पर जा रहे हैं। उनकी 18 सूत्री मांगें हैं। गौरतलब है कि राज्य में 2 हजार के करीब विद्युत कर्मी हैं। राजधानी रांची में ही 300 तकनीकी फील्ड कर्मी हैं। इनकी हड़ताल से व्यवस्था चरमरा सकती है।