Hindi Newsझारखंड न्यूज़In Ranchi electricity department cut power for 94 hours after recovering 35 crores in 15 days

रांची: 15 दिन में 35 करोड़ की बिल वसूली, 94 घंटे तक कटी बिजली; अंधेरे में डूबा रहा शहर

झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) ने रांची सर्किल की करीब साढ़े 6 लाख आबादी से 4 जुलाई से लेकर 18 जुलाई तक करीब 35 करोड़ रुपये बिजली बिल के वसूले। 94 घंटे तक बिजली कटौती की गई।

Suraj Thakur आशीष तिग्गा, रांचीWed, 19 July 2023 07:39 AM
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झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) ने रांची सर्किल की करीब साढ़े 6 लाख आबादी से 4 जुलाई से लेकर 18 जुलाई तक करीब 35 करोड़ रुपये बिजली बिल के वसूले। पर इन 15 दिनों यानी 360 घंटे में 25 फीडर से 94 घंटे बिजली आपूर्ति ठप रही। जबकि 23 घंटे निर्बाध आपूर्ति का दावा है और राजस्व वसूली का लक्ष्य 75 करोड़ रुपये है।

मरम्मती के नाम पर घंटो गुल रही बिजली
हमारी पड़ताल में पता चला कि हल्की बारिश-हवा चलने के बाद लोकल फॉल्ट और ट्रांसफार्मर जलने व मरम्मत के नाम पर घंटों बत्ती गुल रही। खराबी के नाम पर सैकड़ों मोहल्लों में 48 घंटे तक बिजली काटी गई। वो भी तब जब जेबीवीएनएल ने 110 किलोमीटर तक 11 केवी और 33 केवी लाइन को भूमिगत कर एक सब स्टेशन से दूसरे सबस्टेशन को जोड़ दिया है। ताकि आंधी, पानी व मौसम की मार के कारण शहर में निर्बाध आपूर्ति जारी रहे। इसके लिए झारखंड संपूर्ण बिजली अच्छादन योजना के तहत 337 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। फिर भी शहर की बड़ी आबादी को ब्रेक डाउन, थंडरिंग, फ्यूज उड़ने, इंसुलेटर पंक्चर, ट्रांसफार्मर जलने, शार्ट सर्किट होने सहित अन्य तकनीकी खामियों के कारण बाधित बिजली से निजात नहीं मिल पायी है।

लोकल फॉल्ट ढूंढ़ने-मरम्मत में लगते हैं 4-5 घंटे
 झारखंड बनने के बाद रांची में बिजली उपभोक्ता 10 फीसदी बढ़े हैं। फीडर, सबस्टेशन व मोहल्ले भी बढ़े हैं। लेकिन यदि किसी इलाके में ट्रांसफार्मर का फ्यूज उड़ जाए, लोकल फॉल्ट आ जाए या ब्रेक डाउन हो जाए तो इसकी मरम्मत में ही चार से पांच घंटे लग जाते हैं। क्योंकि बिजली की मरम्मत मात्र 133 जूनियर लाइनमैन के भरोसे चल रही है। कनीय विद्युत अभियंता करीब 54, सहायक विद्युत अभियंता 17 हैं। एक सेक्शन में एक जेई होना चाहिए, पर यहां चार सेक्शन को एक जेई संभाल रहे हैं।

क्या हैं दावे व घोषणाएं

● 24 घंटे में शहरी क्षेत्र में खराब ट्रांसफार्मर बदलना है।

● 72 घंटे में ग्रामीण क्षेत्रों का ट्रांसफार्मर दुरुस्त करना है।

● बिना कार्यपालक विद्युत अभियंता की अनुमति के बिजली कटौती नहीं होगी।

● मरम्मत कार्य पीक ऑवर में न हो। समय निर्धारित है।

● जेई और फील्ड में कार्यरत श्रमिकों की टीम पूरी रात सबस्टेशन में तैनात रहेगी।

रांची सर्किल के जीएम पीके श्रीवास्तव का कहना है कि बारिश के पूर्व निरीक्षण किया और जहां पेड़ों की डाल तारों में सट रही थी तो उसकी छंटाई की गई। वज्रपात से ट्रांसफार्मर खराब न हो इसके लिए लाइटिंग एरेस्टर लगे हुए हैं। रात 10 बजे तक अभियंताओं को सबस्टेशन में रहने का निर्देश दिया गया है, ताकि आपूर्ति पर निगरानी रखी जाए और आपातकाल में अविलंब मरम्मत हो सके।
 

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