Hindi Newsझारखंड न्यूज़In Jharkhand the first day of exemption the rules have been washed away

jharkhand unlock 1.0 : झारखंड में छूट के पहले दिन ही नियमों की उड़ी धज्जियां

68 दिनों की बंदिश के बाद सूबे में दी गई छूट के पहले दिन मंगलवार को बाजारों में रौनक तो लौटी लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहर तक हर तरफ नियमों-शर्तों की जमकर धज्जियां भी उड़ीं। बाजारों में न तो सोशल...

rupesh रांची धनबाद जमशेदपुर हिटी, Wed, 3 June 2020 02:08 AM
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68 दिनों की बंदिश के बाद सूबे में दी गई छूट के पहले दिन मंगलवार को बाजारों में रौनक तो लौटी लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहर तक हर तरफ नियमों-शर्तों की जमकर धज्जियां भी उड़ीं। बाजारों में न तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया, न ही संक्रमण से बचाव के लिए सेनेटाइजर जैसे उपायों का। 

ऑटो और ई-रिक्शा तो सड़कों पर ऐसे दौड़े जैसे यात्रियों की संख्या सीमा से लेकर नॉन-शेयरिंग तक उनके लिए तय तमाम शर्तों का कोई मतलब ही न हो। दूसरी तरफ, छूट को व्यवस्थित तरीके से लागू करने को लेकर प्रशासन की कोई तैयारी नहीं दिखी। कंटेनमेंट जोन में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाये जाने के कारण आम सड़क-चौराहों पर पुलिसकर्मियों की कमी से भी व्यवस्था बिगड़ी।

सूबे  के तमाम शहरों में ऑटो  और ई-रिक्शा वालों ने एक तरफ नियमों का हवाला देकर लोगों से दोगुना भाड़ा वसूला, वहीं यात्रियों को बैठाने में किसी नियम का पालन नहीं किया। रांची में ऑटो  से लेकर ई-रिक्शा पर चार से छह यात्री दिखे, जबकि सरकार ने सिर्फ दो यात्रियों के साथ परिचालन की अनुमति दी थी। यह भी तय था कि ऑटो  या ई-रिक्शा शेयरिंग पर नहीं चलेंगे और न ही सफर के बीच सवारी बैठाएंगे या उतारेंगे।  लेकिन ज्यादार वाहन इन नियमों को पहिये तले रौंदते नजर आए।  इन वाहनों में सेनेटाइजर भी नहीं रखे गए थे और न ही यात्रियों का कोई ब्योरा रखा गया।  

कुल मिलाकर ऑटो और ई-रिक्शा वैसे ही चले जैसे लॉकडाउन से पहले चलते आए थे। इनपर सख्ती के लिए कहीं भी पुलिस की रोक-टोक भी नहीं थी। कपड़ों और जूता-चप्पल की दुकानों को छोड़कर बाकी सभी दुकानें तो खुलीं, लेकिन भीड़ उमड़ी मोबाइल फोन की दुकानों पर। कुछ बड़े प्रतिष्ठानों में तो सेनेटाइजर की व्यवस्था थी, लेकिन छोटी दुकानों में नियमों को लेकर लापरवाही दिखी।  गिने-चुने शो रूम में थर्मल स्कैनर की भी व्यवस्था थी। इलाकाई बाजारों में लोगों की भीड़ दिखी, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग के प्रति संजीदगी नहीं।  वहीं, कुछ दुकानदारों ने कहा कि दुकानें कब से कबतक खोलनी है यह गाइडलाइन में स्पष्ट नहीं है।

संताल और कोयलांचल में अनलॉक के पहले दिन दुकानें तो खुलीं मगर इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल शॉप को छोड़कर कहीं ज्यादा भीड़ नजर नहीं आई। धनबाद शहर में मोबाइल की दुकानें खुलते ही भीड़ उमड़ पड़ी। यहां सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ीं।  कोल्हान के तीनों जिलों में लोगों की भीड़ बाजार में दिखी। हालांकि जो दुकानें पहले से खुल रही थीं, वहीं खुलीं। यहां मंगलवार से टेंपो चलना शुरू नहीं हुआ। 

नाराज कपड़ा कारोबारी सड़क पर उतरे : अनलॉक-1 में कपड़ा, जूता और कॉस्मेटिक दुकानों को खोलने की अनुमति न मिलने से नाराज संताल और कोयलांचल के दुकानदार मंगलवार को सड़कों पर उतर आए। कपड़ा व्यापारियों ने धनबाद, देवघर, झरिया, दुमका समेत कई जगह प्रदर्शन किया। देवघर में कपड़ा दुकानदारों ने सांकेतिक रूप से सड़क पर भीख मांगी, जबकि धनबाद में काली पट्टी बांधी। वहीं दुमका में कपड़ा और जूता-चप्पल व्यापारियों ने दुकानें खोलने की मांग पर प्रदर्शन किया। झरिया में कपड़ा व्यापारी दुकानें खोलने पहुंच गए, जिन्हें चैंबर ने समझाकर वापस भेजा। धनबाद सांसद पीएन सिंह और विधायक राज सिन्हा ने मुख्यमंत्री से कपड़ा दुकानें खुलवाने का आग्रह किया है। धनबाद जिले में व्यापारी मंगलवार को सड़क पर उतर आए। कहीं सड़क जाम की तो कहीं काला बिल्ला लगाकर प्रदर्शन किया। 

 व्यवसायियों का कहना है कि सरकार कपड़ा, कॉस्मेटिक, फुटवीयर आदि के व्यवसायियों को आर्थिक तंगी की ओर धकेल रही रही। पूरे देश में जब इन दुकानों को खोलने की अनुमति दे दी गई है तो झारखंड सरकार ऐसा क्यों नहीं कर रही। हीरापुर में कपड़ा, जूता, कॉस्मेटिक, गिफ्ट, टेलर, पर्दे, सैलून आदि के दुकानदारों ने प्रदर्शन किया। करकेंद बाजार स्थित संघ भवन परिसर में धनबाद जिला थोक वस्त्र विक्रेता संघ के सदस्यों ने काला बिल्ला लगाकार सरकार के फैसले का विरोध किया। जिलेभर के व्यवसायियों ने बुधवार को अपने चैंबर क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन का निर्णय लिया है।

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