चिटफंड कंपनियों के पीड़ितों के पैसा वापसी पर हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
झारखंड हाई कोर्ट में मंगलवार को चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र एवं जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में गरीबों की गाढ़ी कमाई लेकर चंपत हुए चिटफंड कंपनियों के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई।
झारखंड हाई कोर्ट में मंगलवार को चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र एवं जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में गरीबों की गाढ़ी कमाई लेकर चंपत हुए चिटफंड कंपनियों के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। राज्य सरकार के द्वारा हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में दिए गए जवाब पर अदालत ने कड़ी नाराजगी जाहिर की। अदालत ने स्पष्ट रूप से चेतावनी देते हुए कहा कि 11 जुलाई तक आप यह बताएं की प्रभावित लोगों की समस्या के लिए पैसे वापसी के लिए कमेटी का गठन किया या नहीं। अगर नहीं करते हैं तो अदालत कठोर आदेश पारित करेगा।
राज्य सरकार के जवाब से असंतुष्ट हाईकोर्ट
मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दायर कर बताया गया कि राज्य सरकार ने प्रभावित लोगों की समस्या के निदान के लिए वर्ष 2013 में एक एक्ट बनाया है। उसके हिसाब से प्रभावित लोगों की समस्या का निदान किया जाएगा। अदालत ने पूर्व में उनसे पूछा था कि प्रभावित लोगों की समस्या के निदान के लिए क्या कुछ कमेटी का गठन किया गया है। सरकार की ओर से बताया गया था कि शीघ्र ही कमेटी का गठन कर लिया जाएगा। लेकिन अभी तक नहीं किया गया है। सरकार सिर्फ समय ले रही है कुछ ठोस कदम नहीं उठा रही है।
11 जुलाई को होगी मामले की अगली सुनवाई
इस संदर्भ में नन बैंकिंग अभिकर्ता एवं निवेशक सुरक्षा समिति के अध्यक्ष जावेद अख्तर अब्दुल हमीद एवं अन्य के द्वारा दायर जनहित याचिका को एक साथ सूचीबद्ध कर सुनवाई की गई। उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार को शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दायर करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई तय की गई है।