Hindi Newsझारखंड न्यूज़High court comment why can law not stop selling gutkha in Jharkhand

High court की तलख टिप्पणी, Jharkhand में गुटखा बिक्री बंद नहीं करा सकते तो कानून क्यों 

राज्य में प्रतिबंध के बावजूद गुटखा और तंबाकू जनित पदार्थों की धड़ल्ले से हो रही बिक्री पर हाईकोर्ट ने शुक्रवार को नाराजगी जाहिर की। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और डॉ...

rupesh रांची। प्रमुख संवाददाता, Fri, 9 Oct 2020 06:13 PM
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राज्य में प्रतिबंध के बावजूद गुटखा और तंबाकू जनित पदार्थों की धड़ल्ले से हो रही बिक्री पर हाईकोर्ट ने शुक्रवार को नाराजगी जाहिर की। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और डॉ सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने कहा कि गुटखा की बिक्री खुलेआम हो रही है। हर गली-मोहल्ले में यह आसानी से उपलब्ध है। सरकार जब कानून का पालन नहीं करा सकती, तो ऐसा कानून बनाती ही क्यों है। आखिर सरकार की कौन-सी लाचारी है कि गुटखा के परिवहन, निर्माण और बिक्री पर रोक के बावजूद यहां गुटखा पहुंच रहे हैं और इसकी बिक्री भी हो रही है। 

अदालत ने मामले की सुनवाई नवंबर में निर्धारित करते हुए सरकार को विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि खाद्य आपूर्ति विभाग के सचिव को हाजिर होकर अगली तिथि को बताएं कि राज्य को गुटखा और तंबाकू जनित पदार्थों से पूरी तरह मुक्त करने के लिए क्या कदम उठाया गया है।

छापेमारी और कार्रवाई करने का दावा : सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से जवाब दाखिल करने के लिए समय की मांग की गई। अदालत को बताया गया कि जवाब तैयार है, लेकिन फाइल नहीं की जा सकी है। गुटखा की बिक्री करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। छापेमारी जारी है। बेचने वालों से जुर्माना भी वसूला गया है। इस पर कोर्ट ने कहा कि यह सिर्फ कागजों में ही है। हमें यह नहीं सुनना है कि सरकार ने क्या कार्रवाई की। हम चाहते हैं कि सरकार बताए कि राज्य पूरी तरह गुटखा से मुक्त हो गया है।
 
हाईकोर्ट भी करा सकता है जांच: चीफ जस्टिस ने कहा कि सरकार के दावों की जांच भी की जाएगी। कोर्ट खुद जांच करा कर देखेगा कि गुटखा मिल रहा है या नहीं। इसलिए सरकार को सोच-समझ कर रिपोर्ट पेश करनी होगी।
 
क्या है मामला: राज्य में प्रतिबंध के बावजूद गुटखा और तंबाकू जनित पदार्थों की हो रही बिक्री बंद कराने के लिए फरियाद फाउंडेशन ने जनहित याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया है कि राज्य सरकार अपने ही कानून का पालन नहीं करा पा रही है। गुटखा का सेवन कर कई लोग गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। सरकार अपने ही कानून का पालन कराने में असमर्थ है। जबकि राज्य में 2021 तक गुटखा के परिवहन, उत्पादन और बिक्री पर रोक लगाई जा चुकी है। 
 

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