हज यात्रा निरस्त, झारखंड के 2281 जायरीन हज यात्रा पर नहीं जा पाएंगे, एक माह में वापस होगा पैसा
हज यात्रा पर जाने की इच्छा रखने वाले लोग इस बार काबा का दीदार नहीं कर पाएंगे। कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए इस साल हज यात्रा (2020) पर रोक लगा दी गई है। इस संबंध में केंद्रीय हज कमेटी ने झारखंड...
हज यात्रा पर जाने की इच्छा रखने वाले लोग इस बार काबा का दीदार नहीं कर पाएंगे। कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए इस साल हज यात्रा (2020) पर रोक लगा दी गई है। इस संबंध में केंद्रीय हज कमेटी ने झारखंड समेत तमाम हज कमेटियों को पत्र भेजकर हज कैंसिल होने की जानकारी दी है।
केंद्र ने राज्य हज कमेटियों को पत्र भेजकर इसकी जानकारी तमाम हाजियों को देने के लिए कहा था। झारखंड के विभिन्न इलाकों से कुल 2281 जायरीन ने इस वर्ष हज पर जाने के लिए केंद्रीय हज कमेटी में आवेदन दिया है। इसमें रांची के साढ़े चार सौ हज यात्री शामिल हैं। आवेदकों ने पहली किस्त के रूप में केंद्रीय हज कमेटी के खाते में 81 हजार रुपए भी जमा किए थे। जायरीन हज पर जाने की तैयारी भी शुरू कर चुके थे।
आवेदकों को कैंसिलेशन फॉर्म भरने की जरूरत नहीं : केंद्रीय हज कमेटी ने अपने पत्र में कहा है कि हज यात्रा के लिए जमा की गई पहली और दूसरी किस्त की राशि वापस लेने के लिए आवेदकों को कैंसिलेशन फॉर्म भरने की जरूरत नहीं है। हज यात्रियों की ओर से जमा किए गए आवेदन में अंकित बैंक खाता नंबर में उनकी राशि एक माह के भीतर वापस कर दी जाएगी। अगर किसी भी हज यात्री का पैसा उनके खाते में नहीं पहुंचता है तो वे सीधे स्थानीय हज कमेटी से संपर्क कर सकते हैं।
मुंबई से आने के बाद वापस किया जाएगा पासपोर्ट : झारखंड से हज यात्रा पर जाने वालों ने आवेदन के साथ अपना पासपोर्ट भी जमा किया था। आवेदन के साथ पासपोर्ट मुंबई भेजा गया था। झारखंड राज्य हज कमेटी के सचिव शाहिद अख्तर ने बताया कि हज यात्रियों का जमा पासपोर्ट मुंबई हज कमेटी से मांगा गया है। आने के बाद इसकी जानकारी हज यात्रियों को दी जाएगी। पासपोर्ट वितरण के लिए तिथि भी निर्धारित कर दी जाएगी, ताकि कमेटी के कार्यालय से पासपोर्ट ले सकें।