Hindi Newsझारखंड न्यूज़Food supply department refuses to accept the instruction of education minister Jagarnath Mahato know what happened

शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के निर्देश को खाद्य आपूर्ति विभाग ने मानने से किया इनकार, जानें क्या हुआ

राशन दुकानों में निगरानी की ड्यूटी में लगाए शिक्षकों को नहीं हटाया जाएगा। करीब 70 हजार शिक्षकों को इस आपातकालीन स्थिति में दुकानों में ड्यूटी करनी होगी और समय पर अपना काम भी पूरा करना होगा। शिक्षा...

rupesh रांची हिन्दुस्तान ब्यूरो, Sat, 30 May 2020 04:35 PM
share Share

राशन दुकानों में निगरानी की ड्यूटी में लगाए शिक्षकों को नहीं हटाया जाएगा। करीब 70 हजार शिक्षकों को इस आपातकालीन स्थिति में दुकानों में ड्यूटी करनी होगी और समय पर अपना काम भी पूरा करना होगा। शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने खाद्य आपूर्ति मंत्री को पत्र लिख शिक्षकों को सिर्फ शैक्षणिक कार्य में ही लगाने का आग्रह किया था, लेकिन विभाग ने शिक्षकों को हटाने से इनकार कर दिया है। 

खाद्य विभाग का कहना है कि इन शिक्षकों को ड्यूटी करनी होगी। अभी स्कूल भी बंद हैं और ऐसे में वे सरकार के जिम्मेदार कर्मी हैं, जो राशन लेने से वंचित हैं और जिनके नाम से दो-तीन राशन कार्ड हैं, उन्हें सत्यापित करने का काम शिक्षकों को करना है। हर शिक्षक के जिम्मे करीब दस से 15 राशन कार्ड जांच के लिए मिल रहा है। इसमें कोई अतिरिक्त बोझ नहीं है। 

ड्यूटी से नहीं हटाया गया तो करेंगे कार्य बहिष्कार : शिक्षकों ने शिक्षा विभाग और खाद्य आपूर्ति विभाग को तीन दिन का समय दिया है। इसमें कहा गया है कि 30 मई तक अगर उन्हें काम से नहीं हटाया जाता है तो वे कार्य बहिष्कार करेंगे। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने बताया कि अप्रैल और मई का राशन बांटने में शिक्षकों ने पूरा सहयोग किया, लेकिन अब राशन कार्ड की जांच करायी जा रही है जबकि शिक्षक इसमें प्रशिक्षित ही नहीं हैं। इस तरह शिक्षकों को परेशान किया जा रहा है। यह विभाग का काम है जिसे उन्हें खुद करना चाहिए। तीन दिन का समय दिया जा चुका है, अगर फिर भी काम में लगाया जाता है, तो सभी कार्य बहिष्कार करेंगे। उन्होंने बताया कि शिक्षकों को सिर्फ शैक्षणिक कार्यों में ही लगाना चाहिए, लेकिन यहां कोरंटाइन सेंटर से लेकर एयरपोर्ट, चेकनाका, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, राशन दुकानों में लगाया जा रहा है। जबकि शिक्षकों की नियुक्ति पठन-पाठन के लिए हुआ है ना कि इन सब गैर शैक्षणिक कार्यों के लिए। 

चार वर्ष से शिक्षक हैं निगरानी दल में शामिल : शिक्षकों को निगरानी दल में शामिल करने का कोई नया आदेश नहीं है। विभागीय सचिव अरुण सिंह बताते हैं कि निगरानी दल में शिक्षकों को चार वर्ष पूर्व ही शामिल किया गया था। इसमें कोई नया आदेश पारित नहीं हुआ है। जब उनकी जरूरत पड़ी तो उन्हें ड्यूटी में लगाया गया है। शिक्षकों को समय से काम पूरा करने का निर्देश दिया गया है। स्कूल खुलने के बाद इन उन्हें इससे राहत मिल सकती है, लेकिन फिलहाल जो स्थिति है कि कई गरीबों को राशन नहीं मिल रहा है। जिनकी जो समस्या है उन्हें उनका हक दिलाना है।  

अगला लेखऐप पर पढ़ें