Hindi Newsझारखंड न्यूज़FCI will now sell only 6 thousand tonnes of wheat in Jharkhand Earlier the capacity was 14 thousand tonnes what is the reason

झारखंड में अब बाजार में मात्र 6 हजार टन गेहूं बेचेगा FCI; पहले 14 हजार टन थी क्षमता, क्या है कारण

भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने राज्य में खुली बिक्री योजना के तहत बेचे जाने वाले गेंहू की मात्रा 8 हजार मीट्रिक टन घटा दी है। एफसीआई अब झारखंड में 14 हजार की जगह 6 हजार मीट्रिक टन गेंहू ही बेचेगा।

Mohammad Azam विक्रम गिरि, रांचीMon, 17 July 2023 09:25 PM
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भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने राज्य में खुली बिक्री योजना के तहत बेचे जाने वाले गेंहू की मात्रा 8 हजार मीट्रिक टन घटा दी है। एफसीआई अब झारखंड में 14 हजार की जगह 6 हजार मीट्रिक टन गेंहू ही खुले बाजार में बेचेगा। इसकी वजह ऑक्शन में ट्रेडर, मिलर और फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स की उदासीनता बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि बीते तीन सप्ताह से ओपन मार्केट सेल स्कीम के तहत खरीदारों की भागीदारी को देखते हुए एफसीआई ने यह निर्णय लिया है। इसके साथ ही पहले जहां एफसीआई छोटे कारोबारियों, ट्रेडर को योजना के तहत सस्ते दर पर गेंहू-चावल की खरीद के लिए आमंत्रित कर रहा था, अब सिर्फ मिल संचालक और फूड प्रोसेसिंग यूनिट संचालक ही इसमें भाग ले सकेंगे। बता दें कि बीते तीन ऑक्शन के दौरान पहली नीलामी में जहां राज्य के कारोबारियों ने 2 हजार 970 मीट्रिक टन गेंहू की खरीदारी की वहीं, दूसरी बार में 3130 व तीसरे ऑक्शन में लगभग 5 हजार मीट्रिक टन गेंहू ही खरीदा। इसके अलावा चावल की खरीदारी के लिए कोई आगे नहीं आया।

सिर्फ 54 ट्रेडर ही निबंधित
एफसीआई के अनुसार फिलहाल राज्य के 54 कारोबारी ही एम-जंक्शन पर निबंधित हैं। जबकि ओपन मार्केट सेल स्कीम के तहत खरीदारी के लिए एम जंक्शन पर निबंधन अनिवार्य है। हालांकि, एफसीआई के पदाधिकारियों का यह भी कहना है कि इसकी संख्या बढ़ी है। पहले ऑक्शन के दौरान इसकी संख्या 30 के करीब थी, जो अब बढ़कर 54 हो गई है।

एफसीआई की दर (प्रति क्विंटल)

गेंहू - 2125-2150 रुपये, चावल - 3173 रुपये

खुले बाजार में गेंहू की दर

2600- 3600 रुपये प्रति क्विंटल

क्यों लायी गयी है स्कीम
दरअसल, केंद्र सरकार ने खुले बाजार में गेंहू और चावल की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के जरिए रिजर्व प्राइस पर इसकी बिक्री का फैसला लिया है। इसके तहत लगभग सभी राज्यों में एफसीआई की ओर से रिजर्व प्राईस पर गेंहू और चावल की ई-नीलामी के जरिए बिक्री की जा रही है।  

कम खरीदारी से क्या होगा नुकसान
यदि राज्य के मिलर और फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स ऑक्शन की भरपूर क्वांटिटी को खरीदते तो इससे बाजार में आटे की दर और कम होती। क्योंकि खुले बाजार में जहां अब भी गेंहू की दर 2500-2600 रुपये प्रति क्विंटल है। वहीं, एफसीआई मिलर और फूड प्रोसेर्स को 2125-2150 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर गेंहू उपलब्ध करा रहा है। यानी लगभग 450 रुपये सस्ते दर पर गेंहू दे रहा है। फूड प्रोसेसर राकेश जैन के मुताबिक एफसीआई की ओर से फिलहाल दी जा रही गेंहू की मात्रा थोड़ी है। उन्होंने कहा कि अभी 100 मीट्रिक टन गेंहू एक मिलर या फूड प्रोसेसर को दिया जा रहा है। इसे बढ़ाना चाहिए। वहीं, एक अन्य कारोबारी ने कहा कि फ्लोर मिल को अधिक क्वांटिटी में सस्ता गेंहूं मिलने से खुदरा कीमतें कम होतीं। मगर यहां के व्यवसायी इसका लाभ नहीं उठाएंगे तो लोगों को सस्ते दर में आटा नहीं मिल पाएगा।

एम-जंक्शन पर निबंधन कराना जरूरी
एफसीआई के ई-नीलामी में भाग लेने के लिए मिलर या फूड प्रोसेसर को एम जंक्शन www.valuejunction.in/fci पर निबंधन कराना होगा। गेंहू-चावल की नीलामी साप्ताहिक आधार पर प्रत्येक बुधवार को होती है। इससे पहले शुक्रवार को ई-नीलामी में भाग लेने वाले व्यापारियों को गेंहू का स्टॉक बताना होता है। इसके बाद वे अगले बुधवार को नीलामी में शामिल हो सकते हैं।

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