दुमका: त्योहार के मौसम में दहशत में ग्रामीण! जानिए, क्या है वजह
दुमका में त्योहार के मौसम में ग्रामीण दहशत में जी रहे हैं। ग्रामीण समूह मे जागकर रात बिताते हैं। दरअसल, झुंड से बिछड़ा हाथी दुमका के गोपीकांदर के बोरापहाड़ी गांव में घुस आया है। इस वजह से लोग दशहत...
दुमका में त्योहार के मौसम में ग्रामीण दहशत में जी रहे हैं। ग्रामीण समूह मे जागकर रात बिताते हैं। दरअसल, झुंड से बिछड़ा हाथी दुमका के गोपीकांदर के बोरापहाड़ी गांव में घुस आया है। इस वजह से लोग दशहत में आ गए हैं। गांववालों ने तुरंत हाथी के आने की सूचना वन विभाग को दी। हाथी ने प्राथमिक स्कूल के गेट को ढाह दिया। विद्यालय भवन का गेट क्षतिग्रस्त हो गया।
छेड़छाड़ न करें, बनाए रखें दूरी
इधर, ग्रामीणों की सूचना पर वन कर्मी साकेत कश्यप, सुमित कुमार, सुब्रेन हांसदा टीम के साथ गांव पहुंचे। वन विभाग ने बोरापहाड़ी के साथ टेसफुली और महुआगढ़ी गांवों में माइक से प्रचार कर लोगों को हाथी से सतर्क रहने, छेड़छाड़ न करने, दूरी बनाए रखने की अपील की। वन विभाग ने लोगों के बीच मिट्टी तेल का वितरण किया, ताकि मशाल जलाकर हाथी को भगाया जा सके। बता दें कि झुंड से बिछड़ा हाथी काफी आक्रमक है। 27 अक्तूबर से यह संताल परगना के जिलों में सक्रिय है।
कई लोगों की ले चुका है जान
अबतक यह जामताड़ा में एक और दुमका में दो लोगों की जान ले चुका है। हाथी जिस इलाके से गुजर रहा है, गांवों में लोग रतजग्गा करने को मजबूर हैं। काठीकुंड इलाके में हाथी के प्रवेश से रोकने के लिए विभाग की टीम ने गश्ती बढ़ा दी है। यह जामताड़ा, दुमका और गोड्डा से पाकुड़ पहुंचा था। दो नवंबर को गोपीकांदर प्रखंड में सिलंगी पहाड़ से उतरकर महुआगढ़ी जंगल में डेरा जमा लिया था। गुरुवार की रात गोपीकांदर प्रखंड के बोरापहाड़ी गांव में प्रवेश कर गया। शुक्रवार की सुबह दुमका के बुढ़निया जंगल में हाथी देखा गया। वन विभाग सतर्क है और झुंड से बिछड़े हाथी की हर गतिविधि पर नगर रखी जा रही है।