1000 करोड़ी पंकज मिश्रा के एक और करीबी पर ED का शिकंजा, जानिए कौन है
साहिबगंज में 1000 करोड़ के अवैध खनन व परिवहन से अर्जित अवैध कमाई की मनी लाउंड्रिंग में ईडी के रडार पर आलोक रंजन नाम का व्यक्ति भी आया है। गोड्डा निवासी आलोक खुद को बीजेपी का करीबी बताता है।
साहिबगंज में 1000 करोड़ के अवैध खनन व परिवहन से अर्जित अवैध कमाई की मनी लाउंड्रिंग में ईडी के रडार पर आलोक रंजन नाम का व्यक्ति भी आया है। गोड्डा निवासी आलोक खुद को बीजेपी का करीबी बताता है।
साहिबगंज में 1000 करोड़ के अवैध खनन व परिवहन से अर्जित अवैध कमाई की मनी लाउंड्रिंग में ईडी के रडार पर आलोक रंजन नाम का व्यक्ति भी आया है। गोड्डा का रहने वाला आलोक रंजन खुद को भाजपा नेताओं का करीबी बताता है, लेकिन उसके कारोबारी संबंध जेल में बंद बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा से रहे हैं।
ईडी कर रही आलोक रंजन की जांच
आलोक रंजन की भूमिका की पड़ताल अब ईडी कर रही है। 6 अप्रैल को ईडी के अधिकारियों के साथ साहिबगंज जिला प्रशासन की टीम ने आलोक रंजन के भाई राकेश रंजन की कंपनी सर्वश्री वंदना स्टोन वर्क्स की साइट पर भी सर्वे किया था। सर्वे के दौरान गड़बड़ी पायी गई थी, जिसे लेकर अब साहिबगंज के बोरियो थाने में एफआईआर दर्ज करायी गई है। इस एफआईआर में राजस्व की चोरी के साथ-साथ झारखंड मिनरल (प्रिवेंशन ऑफ इलीगल माइनिंग) ट्रांसपोर्टेशन एंड स्टोरेज रुल्स के तहत केस दर्ज किया गया है।
लीज से अधिक भूमि पर किया जा रहा था खनन
6 अप्रैल को ईडी की टीम के साथ जिला प्रशासन की टीम ने सर्वश्री वंदना स्टोन वर्क्स की बोरिया स्थित साइट पर सर्वे किया था। कंपनी ने 6.74 एकड़ क्षेत्र में 19 दिसंबर 2015 से 18 दिसंबर 2025 तक के लिए खनन पट्टा लिया है, लेकिन धारित खनन पट्टा के अलावा 8.76 एकड़ क्षेत्र में अवैध उत्खनन किया जा रहा था, जो अवैध है।
साहिबगंज में अवैध खनन से राजस्व का नुकसान
जिला खनन पदाधिकारी साहिबगंज ने साहिबगंज पुलिस को सौंप आवेदन में लिखा है कि कंपनी के इस कृत्य से राजस्व की चोरी हो रही है। कोई भी व्यक्ति बिना पट्टा या लाइसेंस के खनिज का उत्खनन करता है, तो यह खान एवं खनिज विकास एवं विनिमय 1957 की धाराओं का उल्लंघन है।
वहीं इस मामले में दर्ज एफआईआर में परिवहन खान में संलिप्तत लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई के लिए लिखा गया है।