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ओडिशा ट्रेन हादसा: जोरदार झटका लगा, आंख खुली तो गेट शरीर पर था; 10 दोस्त लापता

ओडिशा के बालासोर ट्रेन हादसे में घायल जामा के हेठरेंगनी गांव का सुरेन्द्र मरीक अपने 8 साथियों के साथ घर पहुंच गया है। उसे दुमका के फुलो-झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया गया है।

Suraj Thakur पवन कुमार घोष, दुमकाWed, 7 June 2023 11:29 AM
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Odisha Train Accident: ओडिशा के बालासोर ट्रेन हादसे (Balasor Train Accident) में घायल जामा के हेठरेंगनी गांव का सुरेन्द्र मरीक अपने 8 साथियों के साथ घर पहुंच गया है। उसे दुमका के फुलो-झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया गया है। उसका इलाज चल रहा है। सुरेन्द्र मरीक ने ट्रेन हादसे के भयावह मंजर का बयां करते हुए कहा कि चारों ओर चीखने-चिल्लाने की आवाज गूंज रही थी। सभी ओर अफरा-तफरी का माहौल था। पूरे इलाके में अंधेरा पसरा हुआ था। कई लोग आंखों के सामने दम तोड़ रहे थे, तो कई लोग दुर्घटना में घायल होने के बाद दर्द से कराह रहे थे। इस भयानक मंजर को वह कभी भी भूला नहीं पाएगा। उसने कहा कि किसी पुण्य प्रताप के कारण ही उसकी जान बच पाई, अन्यथा उसकी भी जान चली जाती।

दुमका के 18 यात्री कोरोमंडल में सवार थे 
सुरेन्द्र मरीक ने बताया कि वह 1 जून को अपने साथियों के साथ कोरोमंडल एक्सप्रेस ट्रेन के जेनरल बोगी में बैठा हुआ था। दुमका जिला के करीब 18 लोग चेन्नई मजदूरी करने के लिए जा रहे थे। कंस्ट्रक्शन कम्पनी के एक कर्मी दुमका आया था और सभी को अपने साथ चेन्नई ले जा रहा था। चेन्नई में 18 हजार रुपए की नौकरी दिलाने का वादा किया गया था। घटना जिस वक्त हुई, उस समय सभी साथी एक ही बोगी में बैठे हुए थे और आपस में बातचीत कर रहे थे। इसी बीच हादसा हो गया और देखते ही देखते आंखों के सामने अंधेरा सा छा गया। जब आंख खुली तो देखा कि शरीर पर ट्रेन का फाटक गिरा हुआ है और वह दर्द से कराह रहा था। ट्रेन में अफरा-तफरी मची हुई थी। सभी यात्री जान बचाकर भागते नजर आ रहे थे। उनकी आवाज को कोई सुन नहीं रहा था। इसी बीच रिस्क्यू की एक टीम आयी और उसे खींचकर बाहर निकाला। ट्रेन से बाहर निकलने के बाद दुर्घटना के इस भयावह मंजर को देखकर उसके होश उड़ गए।

हादसे के बाद सुरेंद्र के 10 साथी लापता हो गए
हादसे में सुरेन्द्र मरीक का मोबाइल खो गया था। उसके सभी साथी बिखर गए थे। चेन्नई ले जाने वाला कंस्ट्रक्शन कम्पनी का वह कर्मी का भी कोई पता नहीं चल रहा था। उसने बताया कि उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। नाम और पता पूछा गया। धीरे-धीरे दुमका के 8 लोग मिले। सभी को एम्बुलेंस से दुमका भेजा गया। बाकी 10 लोग लापता हो गए है। उसने बताया कि 8 लोगों में रामगढ़ एवं जरमुंडी व जामा के मजदूर शामिल है।

बालासोर में तीन ट्रेनों के टकराने से हुआ हादसा
गौरतलब है कि 1 जून को ओडिशा के बालासोर स्थित बहानगा स्टेशन के पास कोरोमंडल एक्सप्रेस मेन लाइन छोड़कर लूप लाइन में चली गई और मालगाड़ी को पीछे से टक्कर मार दी। टक्कर से कोरोमंडल की कई बोगियां डीरेल होकर दूसरी मेन लाइन से गुजर रही हावड़ा-बेंगलुरु एक्सप्रेस ट्रेन से टकरा गई जिसकी वजह से इस ट्रेन के 3 डिब्बे भी पटरी से उतर गए। हादसे में अब तक 288 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 1000 से ज्यादा लोग घायल हैं। 160 से ज्यादा यात्रियों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। 

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