जो कभी था नक्सलियों का गढ़, उस बूढ़ा पहाड़ में CRPF जवान ने साइकिल से तय की 115 किमी की दूरी
सीआरपीएफ जवान ने साइकिल चलाई। जवान ने 115 किमी की दूरी तय की। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के इस जवान ने गढ़वा पुलिस लाइन से झाऊलडेरा स्थित बूढ़ा पहाड़ तक करीब 115 की दूरी साइकिल से पूरी की।
झारखंड और छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित बूढ़ा पहाड़ कभी नक्सलियों का गढ़ हुआ करता था। दुर्गम जंगलों से घिरा यह इलाका कभी दहशत के लिए मशहूर था लेकिन अब यहां जिंदगी गुलजार है। ऑपरेशन ऑक्टोपस के तहत पिछले साल ही झारखंड पुलिस, झारखंड जगुआर, कोबरा बटालियन और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की संयुक्त टीम ने बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों से मुक्त कराया है। नक्सलमुक्त घोषित किए जाने के तुरंत बाद प्रदेश के तात्कालीन डीजीपी नीरज सिन्हा एमआई-17 हेलिकॉप्टर के जरिए यहां पहुंचे थे। अब, बूढ़ा पहाड़ में फिर से एक ऐतिहासिक काम हुआ है। जहां कभी दिन में भी सुरक्षाकर्मियों को जाने की मनाही थी वहां सीआरपीएफ जवान ने साइकिल चलाई है।
सीआरपीएफ जवान ने 115 किमी तक चलाई साइकिल
बूढ़ा पहाड़ पर सीआरपीएफ जवान ने साइकिल चलाई। जवान ने 115 किमी की दूरी तय की। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के इस जवान ने गढ़वा पुलिस लाइन से झाऊलडेरा स्थित बूढ़ा पहाड़ तक करीब 115 की दूरी साइकिल से पूरी की। बता दें कि यह वही इलाका है जहां कभी दुर्दांत नक्सलियों की तूती बोलती थी। आसपास के गांवों में लोग दहशत में दिन-रात काटते थे। सुरक्षाबल यहां दिन में भी जाने से डरते थे लेकिन झारखंड में जारी नक्सलरोधी अभियान के तहत ऑपरेशन डबल बुल और ऑपरेशन ऑक्टोपस के जरिए बूढ़ा पहाड़ को नक्सलमुक्त बना दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने बूढ़ा पहाड़ पुनर्विकास परियोजना का किया ऐलान
गौरतलब है कि फरवरी 2023 में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी बूढ़ा पहाड़ का दौरा किया था। यह पहली बार था जब कोई मुख्यमंत्री बूढ़ा पहाड़ गया हो। तब सीएम हेमंत सोरेन ने बूढ़ा पहाड़ पुनर्विकास परियोजना का ऐलान किया था। इस परियोजना के तहत बूढ़ा पहाड़ के अंतर्गत आने वाले गढ़वा जिला के टेहरी पंचायत के 11 गांवों और लातेहार के अक्सी पंचायतों के 11 गांवों का कायाकल्प किया जाएगा।