Hindi Newsझारखंड न्यूज़Criminal case will be filed against 11 officers of tata cummins in union ex secretary termination case
टाटा कमिंस के यूनियन के पूर्व महासचिव की बर्खास्तगी का मामला, 11 अधिकारियों पर दर्ज होगा आपराधिक केस
टाटा कमिंस यूनियन के पूर्व महासचिव अरुण कुमार सिंह की बर्खास्तगी के मामले को झारखंड सरकार ने गंभीरता से लिया है। राज्य सरकार ने उप श्रमायुक्त राजेश प्रसाद की जांच रिपोर्ट के आधार पर टाटा मोटर्स के...
Ajay Singh हिन्दुस्तान टीम , जमशेदपुर Fri, 23 July 2021 10:20 AM
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टाटा कमिंस यूनियन के पूर्व महासचिव अरुण कुमार सिंह की बर्खास्तगी के मामले को झारखंड सरकार ने गंभीरता से लिया है। राज्य सरकार ने उप श्रमायुक्त राजेश प्रसाद की जांच रिपोर्ट के आधार पर टाटा मोटर्स के एमडी सह टाटा कमिंस के चेयरमैन गुंटेर बुशेक समेत कंपनी के शीर्ष 11 पदाधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की अनुमति उप श्रमायुक्त को दी है।
आदेश के मुताबिक गुंटेर बुशेक समेत कंपनी के प्रबंध निदेशक अश्वथ राम, एसोसिएट निदेशक अंजली पांडेय, राजीव बत्रा, निदेशक गिरीश बाग, राजेंद्र पाटेकर, असीम मुखोपाध्याय, जोनाथन व्हाइट, एचआर हेड पल्लवी देसाई, प्लांट हेड मनीष कुमार झा, सीनियर जेनरल मैनेजर दीप्ति माहेश्वरी के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। गौरतलब है कि टाटा कमिंस प्रबंधन ने टेल्को क्लब में 23 दिसंबर 2020 में यूनियन नेताओं को पार्टी दी थी। इस दौरान यूनियन नेताओं के बीच मारपीट हो गई थी। इस मामले में यूनियन के पूर्व महामंत्री अरुण सिंह को बर्खास्त कर दिया गया था।
इस बर्खास्तगी को श्रम विभाग के पास चुनौती दी गयी थी। चुनौती के बाद नोटिस भी प्रबंधन को दिया गया था। श्रमायुक्त ने सुनवाई कर दोनों पक्षों से लिखित रूप में जवाब लिया। उप श्रमायुक्त की जांच रिपोर्ट में भी प्रबंधन को श्रम व्यवहार के उल्लंघन का दोषी पाया गया था। इसके बाद डीएलसी ने राज्य सरकार को रिपोर्ट भेजकर केस दर्ज करने की अनुमति मांगी थी। बर्खास्तगी पर नोटिस जारी कर प्रबंधन से फिर पूछा गया कि प्रबंधन ने औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 के तहत उल्लेखित अनुचित श्रम व्यवहार करने व स्टैंडिंग ऑर्डर से बाहर जाकर एक कर्मचारी को बर्खास्त करने की कार्रवाई की है। एक ही मामले में दो अलग-अलग कार्रवाई की गई है। यूनियन के चार नेताओं ने आपस में मारपीट की थी। इसकी शिकायत थाने में किसी पक्ष ने नहीं की। मामले में एक नेता अरुण कुमार सिंह को बर्खास्त कर दिया गया, जबकि तीन मनोज सिंह, सुधीर श्रीवास्तव और अंजय सिंह को छोड़ दिया गया, यह कार्रवाई समझ से परे है।
सरकार से कंपनी के 11 अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की अनुमति मिल गई है। जल्द ही मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में प्राथमिकी दर्ज करा दी जाएगी।
राजेश प्रसाद, उप श्रमायुक्त, कोल्हान
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